UP Home Guard Salary 2022: गृह विभाग से संबद्ध होमगार्ड जवानों को बड़ी राहत, अब समय पर मिलेगा वेतन
UP Home Guard Salary 2022 होमगार्ड जवान गृह विभाग से संबद्ध होकर विभिन्न थानों और डायल 112 में ड्यूटी कर रहे हैं। इनके वेतन के लिए कुल 1075 करोड़ रुपये मिला है। बजट मिलने से अब इनके वेतन का भुगतान आसानी से होगा।
लखनऊ [राज्य ब्यूरो]। अब होमगार्ड जवानों को वेतन भत्ते के लिए लंबा इंतजार नहीं करना पड़ेगा। गृह विभाग से संबद्ध उत्तर प्रदेश के 34 हजार होमगार्ड जवानों को अब उनके ही विभाग से वेतन दिया जाएगा। अब तक इनको गृह विभाग से वेतन दिया जाता था। सरकार ने पहली बार होमगार्ड विभाग को अलग से 1075 करोड़ रुपये बजट में दिया है। इस व्यवस्था के लागू होने से होमगार्ड जवानों को समय से वेतन मिल जाएगा।
होमगार्ड एवं कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने शुक्रवार को पत्रकार वार्ता में बताया कि मौजूदा समय में 25 हजार होमगार्ड जवान गृह विभाग से संबद्ध होकर विभिन्न थानों में ड्यूटी कर रहे हैं। इनके लिए 755 करोड़ रुपये का बजट मिला है। 8996 जवान डायल 112 में तैनात हैं। इनके वेतन के लिए भी 320 करोड़ रुपये यानी कुल 1075 करोड़ रुपये मिला है। बजट मिलने से जहां वेतन का भुगतान आसानी से होगा, वहीं जवानों के ड्यूटी मिलने संबंधी समस्या का भी समाधान हो जाएगा।
धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि होमगार्डस जवानों को गृह विभाग से ड्यूटी के भुगतान में विलम्ब होता था। जिसके कारण उन्हें अपने जीविकोपार्जन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ता था लेकिन अब उनकों समय से ड्यूटी भत्ते का भुगतान हो सकेगा। इससे उनको भागदौड़ नहीं करनी पडेगी। उनकों समय से भुगतान प्राप्त होगा।
उन्होंने कहा कि इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अनुरोध किया था कि इन जवानों को ड्यूटी एवं वेतन के लिए गृह विभाग पर निर्भर रहने से उनके सामने समय-समय पर असहज स्थिति आती रहती है। इसी के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने बजट को गृह विभाग से अलग करते हुए होमगार्डस विभाग को दे दिया है।
उन्होंने कहा कि होमगार्ड जवान अभी तक कानून व्यवस्था की ड्यूटी तक सीमित हैं। जबकि उन्हें आपदा प्रबंधन का भी प्रशिक्षण दिया गया है। ऐसी योजना बन रही है कि होमगार्डों की भागीदारी पुलिस के साथ ही अन्य फोर्स में भी बढ़े। एसडीआरएफ और स्पेशल फोर्सेज के साथ भी इनको लगाने पर विचार किया जा रहा है।
होमगार्ड एवं कारागार मंत्री धर्मवीर प्रजापति ने कहा कि जेल की व्यवस्था में भी सुधार की दिशा में कई कदम उठाए जा रहे हैं। सरकार ने आजीवन कारावास वाले कैदियों को 60 वर्ष तक जेल में रहने की बाध्यता समाप्त कर दी है। यानी अब आजीवन कारावास के तहत 16 या 20 साल की सजा पूरी करने वाले कैदियों को तत्काल रिहा किया जाएगा। उन्होंने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा पास करने वाले कैदियों को बधाई देते हुए कहा कि सरकार जेल में बंद ऐसे कैदियों की आगे की पढ़ाई जारी रखने पर भी विचार कर रही है। इसके लिए जरूरी हुआ तो नियमावली में संशोधन भी किया जाएगा।