लखनऊ में लगे 'शिवा' की बेवफाई के होर्डिंग और बैनर, valentine week में दिलाई 'सोनम बेवफा' की याद
फरवरी के रोमांटिक महीने में कपल अलग-अलग तरीके से अपने प्यार का इजहार करते हैं लेकिन लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर के चौराहों पर ऐसे होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं जिन्हें देखकर लोग हैरान रह गए। सिद्धि हेट्स शिवा की होर्डिंग ने सोनम बेवफा की याद दिला दी है।
लखनऊ, जेएनएन। वेलेंटाइन डे से पहले पूरे हफ्ताह वैलेंटाइन वीक के नाम से मनाया जाता है। लोग अपने पार्टनर के साथ प्यार भरे अंदाज में यह वीक एंजॉय करते हैं, लेकिन यूपी की राजधानी लखनऊ में सभी को चकित कर देने वाली घटना हो गई। फरवरी के रोमांटिक महीने में कपल अलग-अलग तरीके से अपने प्यार का इजहार करते हैं, लेकिन लखनऊ के पॉश इलाके गोमतीनगर के चौराहों पर ऐसे होर्डिंग और पोस्टर लगाए गए हैं, जिन्हें देखकर लोग हैरान रह गए। 'सिद्धि हेट्स शिवा' की होर्डिंग ने सभी को सोनम बेवफा की याद दिला दी।
दरअसल, सड़कों पर लगे 'सिद्धि हेट्स शिवा' वाले होर्डिंग और पोस्टर किसी की बेवफाई बयां कर रहे हैं। पोस्टर देख कर ही समझ आ जाता है कि लड़की को शायद प्यार में धोखा मिला होगा, तभी 'शिवा' से नफरत करने वाली 'सिद्धी' ने इसे सरेआम कर दिया है। लड़की ने अपने प्रेमी को बदनाम करने का यह नया तरीका इजाद किया है।
राजधानी लखनऊ का गोमतीनगर का ऐसा इलाका है, जो हैंगआउट के लिए हमेशा से ही लोगों की पहली पसंद रहा है। लिहाजा यह एरिया यूथ और कपल्स से भरा रहता है। ऐसी जगह पर 'सिद्धी हेट्स शिवा' के पोस्टर देख लोग हैरत में तो हैं ही, साथ ही पोस्टर के पीछे छिपी स्टोरी जानने के लिए उत्सुक भी। हालांकि, यह बात अभी तक सामने नहीं आई है कि पोस्टर लगाने वाला है कौन और उसने ऐसा क्यों किया। जानकारी के मुताबिक, शहर के आलमबाद में भी ऐसी ही होर्डिंग्स लगी हैं। इसके अलावा करीब पांच से छह जगहों पर होर्डिंग्स लगाए गए हैं।
वेलेंटाइन डे के पीछे की असली कहानी
वेलेंटाइन डे को दुनिया के ज्यादातर देशों में प्रेम दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसकी शुरुआत कैसे हुई, इसको लेकर एकराय तो नहीं है, लेकिन कुछ संदर्भ जरूर मिलते हैं। 270 ईसवी की बात है। रोमन साम्राज्य में एक राजा हुआ। नाम था क्लाउडियस गोथिकस द्वितीय। कहा जाता है कि वो प्रेम संबंधों और शादी के सख्त खिलाफ था। उसका मानना था कि प्रेम या शादी से सैनिक लक्ष्य भूल जाते हैं। इसलिए उसने सैनिकों के विवाह करने पर रोक लगा दी। उसी राज्य में संत वेलेंटाइन भी हुए। उन्होंने इस आदेश का विरोध किया तो क्लाउडियस ने उन्हें मौत के घाट उतरवा दिया।
माना जाता है कि संत वेलेंटाइन ने जिस दिन बलिदान दिया उस दिन तारीख 14 फरवरी थी। इसके बाद से इसी दिन वेलेंटाइन डे मनाया जाने लगा। कुछ इतिहासकार मानते हैं कि वेलेंटाइन को जेल में बंद कर दिया गया था और उन्होंने वहां से जेलर की बेटी को एक खत लिखा। वो लड़की संत वेलेंटाइन को बहुत मानती थी। इस खत के अंत में संत ने ‘फ्रॉम योर वेलेंटाइन’ लिखा था। एक ब्रिटिश वेबसाइट के मुताबिक, इस जेलर की बेटी की आंखों में रोशनी नहीं थी और संत वेलेंटाइन के चमत्कार और प्रार्थना से उसकी आंखों में रोशनी आ गई थी। बहरहाल, ऐसी कई कहानियां वेलेंटाइन से जुड़ी हैं या कहें प्रचलित हैं।