CNG से कवर होंगे हाईवे और एक्सप्रेस-वे, वायु प्रदूषण पर लगाम कसने की तैयारी Lucknow News
लखनऊ के आसपास जिलों में जल्द सस्ता और प्रदूषण रहित ईधन। बाराबंकी गोंडा और सुल्तानपुर सहित कई जिलों में प्रक्रिया प्रांरभ।
लखनऊ [राजीव बाजपेयी]। वायु प्रदूषण पर लगाम कसने और लोगों को सस्ता ईंधन उपलब्ध कराने के लिए केंद्र सरकार के निर्देश पर राजधानी के आसपास जिलों में राजमार्गों और स्टेट हाइवे पर सीएनजी कॉरीडोर का काम तेजी पकड़ रहा है। कई जिलों में टेंडर प्रक्रिया पूरी हो गयी है और अगले साल सीएनजी की सुविधा मिलने लगेगी।
डीजल-पेट्रोल से एक तरफ जहां वायु प्रदूषण स्तर बढ़ रहा है वहीं सरकार के खजाने पर भी लगातार चोट लग रही है। पेट्रोल और डीजल पर से निर्भरता कम करने और ईंधन के दूसरे सस्ते विकल्प देने के लिए प्रमुख शहरों और मार्गों पर सीएनजी का जाल बिछाया जा रहा है। राजधानी और आसपास के कई जिले अगले साल एक दूसरे से सीएनजी से जुड़ जाएंगे। ग्रीन गैस लिमिटेड के एमडीए संजीव मेंधी का कहना है कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर हम सबके लिए खतरनाक है।
पर्यावरण को स्वच्छ रखने के लिए सीएनजी सस्ता और बेहतर ईंधन है। लखनऊ के आसपास तमाम शहरों में काम शुरू हो गया है या प्रक्रिया में है। उम्मीद है नए साल में कई जिलों में सीएनजी मिलने लगेगी। गोंडा, बाराबंकी, रायबरेली, फैजाबाद और सुल्तानपुर सहित करीब दो दर्जन शहरों में काम शुरू हो गया है। सीएनजी के विस्तार से वाहनों का संचालन आसान होगा जिसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ेगा।
बढ़ रही सीएनजी पर निर्भरता
लखनऊ में ही करीब चालीस हजार से अधिक वाहन पंजीकृत हैं। इसके अलावा बड़़ी संख्या में ऐसे भी वाहन जिन्होंने वाहन सीएनजी में कन्वर्ट कराया है। इस तरह कुल सीएनजी आंकड़ा पचास हजार के करीब है। करीब 1.30 लाख किलो सीएनजी की रोजाना खपत हो रही है।
यहां जल्द मिलेगी सीएनजी
फैजाबाद, सुल्तानपुर, बाराबंकी, सीतापुर, रायबरेली, प्रतापगढ़, कन्नौज, कानपुर देहात व उन्नाव जिला।
इन शहरों में मिल रही सीएनजी
लखनऊ, कानपुर, आगरा, सहारनपुर, बागपत, गाजियाबाद, बरेली, मेरठ सिटी, मथुरा सिटी, फिरोजाबाद, वाराणसी नगर, झांसी और नोएडा।