High speed rail track: उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के समानांतर दौड़ेगी तेज रफ्तार रेलगाड़ी
उत्तर प्रदेश की सड़कों पर चलना फिलहाल तो किसी बुरे सपने जैसा अनुभव है और शायद इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अंचल की तस्वीर बदलना चाहते हैं।
लखनऊ (जेएनएन)। पूर्वी ïउत्तर प्रदेश की सड़कों पर चलना फिलहाल तो किसी बुरे सपने जैसा अनुभव है और शायद इसीलिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस अंचल की तस्वीर बदलना चाहते हैं। उनकी योजना पूर्वांचल एक्सप्रेस वे को न केवल देश की सबसे लंबी बल्कि सबसे अच्छी सड़क बनाने की है। उनकी कोशिश इस सड़क के बराबर में एक हाई स्पीड रेल ट्रैक बनवाने की है। पूर्वांचल एक्सप्रेस वे लखनऊ से शुरू होकर बाराबंकी, अंबेडकरनगर, सुलतानपुर, आजमगढ़, मऊ होते हुए गाजीपुर तक जाएगा। बनारस, गोरखपुर और फैजाबाद को इससे लिंक रोड से जोड़ा जाएगा।
मई में शिलान्यास की उम्मीद
लखनऊ में इसे आगरा एक्सप्रेस वे से मिलाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा मई में इसके शिलान्यास की उम्मीद जतायी जा रही है। करीब 380 किलोमीटर लंबे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की चौड़ाई 120 मीटर होगी। यह लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की तुलना में 10 मीटर अधिक है। लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस वे की लंबाई 302 किलोमीटर है। अब मुख्यमंत्री की योजना 11,800 करोड़ रुपये की लागत से ढाई साल में बनने जा रहे पूर्वांचल एक्सप्रेस वे के समानांतर रेलवे लाइन बिछाने की है। मुख्यमंत्री बताते हैं कि उनकी कोशिश होगी कि यह ट्रैक तकनीकी रूप से इतना उन्नत हो कि इस पर सेमी बुलेट टे्रन दौड़ायी जा सके। यह ट्रैक लखनऊ से बनारस तक जाएगा। मुख्यमंत्री के अनुसार केंद्र सरकार इसके लिए सैद्धांतिक रूप से सहमत हो चुकी है।
आगरा, मेरठ और कानपुर मेट्रो का काम जल्द
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार आगरा, मेरठ और कानपुर के मेट्रो पर जल्दी काम शुरू करेगी। इसके लिए 33 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था भी की गयी है। तीनों के बारे में संशोधित डिटेल्ड प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) केंद्र को पहले ही भेजी जा चुकी है। मंजूरी मिलते ही तीनों महानगरों में मेट्रो का काम शुरू हो जाएगा। गोरखपुर, वाराणसी और इलाहाबाद में प्रस्तावित मेट्रो के लिए भी संशोधित डीपीआर तैयार है।