Move to Jagran APP

DR Sugestions on Coronavirus: संक्रमित होने पर प्रीमेच्‍योर डिलीवरी की अधिक आशंका, बरतें ये सावधानी

प्रो. साहू का कहना है कि कोविड पाजिटिव प्रेग्नेंट महिला को आम महिला के मुकाबले ज्यादा दिक्कत होती है। देखा गया है कि 20 से 25 फीसद महिलाओं में प्रीमेच्‍योर डिलीवरी हो सकती है। कोरोना संक्रमण होने पर फेफड़ों पर कुप्रभाव पड़ता है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 12 May 2021 02:47 PM (IST)Updated: Wed, 12 May 2021 06:07 PM (IST)
20 से 25 फीसद महिलाओं में हो सकती है प्रीमेच्‍योर डिलीवरी।

लखनऊ, [कुमार संजय]। कोरोना संक्रमण जब हर आयुवर्ग को अपनी चपेट में ले रहा है तो गर्भवतियों को अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। संजय गांधी पीजीआइ के मैटरनल एंड रीप्रोडक्टिव विभाग की प्रो. इंदुलता साहू कहती हैं कि गर्भावस्था में संक्रमण के गंभीर होने का खतरा अधिक होता है। इसकी वजह ये है कि इस दौरान उनके शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं। उनकी इम्युनिटी भी थोड़ी कमजोर होती है।

loksabha election banner

प्रो. साहू का कहना है कि कोविड पाजिटिव प्रेग्नेंट महिला को आम महिला के मुकाबले ज्यादा दिक्कत होती है। देखा गया है कि 20 से 25 फीसद महिलाओं में प्रीमेच्‍योर डिलीवरी हो सकती है। कोरोना संक्रमण होने पर फेफड़ों पर कुप्रभाव पड़ता है। फेफड़ों का काम बेहतर करने के लिए कई बार प्रीमेच्‍योर डिलीवरी की जरूरत पड़ती है। संक्रमित गर्भवती महिलाएं कई बार स्वत: प्रीमेच्‍‍योर लेबर में चली जाती हैं। जिन महिलाओं को पहले से ब्लड प्रेशर या डायबिटीज की परेशानी होती है, उनमें कोविड होने पर प्रीमे'योर डिलीवरी के चांस और ज्यादा बढ़ जाते हैं। प्रो. साहू का कहना है कि जो वैक्सीन देश में उपलब्ध है, उनका गर्भवती महिलाओं पर सुरक्षा का अध्ययन नहीं किया गया है। अभी देश में उपलब्ध वैक्सीन के लिए कोई निर्देश नहीं आया है।

ये सतर्कता बरतें

  • घर से बाहर भीड़ में जाने से बचें।
  • जब तक बहुत जरूरी न हो, अस्पताल जाने से भी बचें।
  • ऑक्सीमीटर, पल्स मीटर और थर्मामीटर रखें। मॉनिटरिंग करते रहें।
  • प्रेग्नेंसी के दौरान होने वाले रेगुलर चेकअप और टेस्ट जरूर करवाएं।
  • डाक्टर की सलाह के बाद अपने पास सर्दी और बुखार की कुछ दवाइयां रखें।
  • हाइपरटेंशन, डायबिटीज, सांस लेने की बीमारी है तो विशेष सावधानी बरतें।
  • सबसे पहले अपने आपको एक रूम में आइसोलेट कर लें। जरूरत का सामान अलग रख लें।
  • लक्षण माइल्ड हैं तो कोशिश करनी चाहिए कि घर पर रहकर ही इलाज कराएं।
  • सुबह शाम पल्स रेट और टम्परेचर मॉनिटर करते रहें।
  • अपने कमरे में टहलें। हमेशा बेड पर लेटे न रहें।
  • हाई फीवर हो या पहले से ब्लड प्रेशर या डायबिटीज हो तो किसी डाक्टर की सलाह के अनुसार काम करें। 

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.