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रामनाईक-आजम मामले में दखल से हाईकोर्ट का इनकार

उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 को लेकर कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से राज्यपाल राम नाईक पर की गई टिप्पणी के मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा है कि राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और आजम खां इस मामले को जल्द सुलझाएं।

By Nawal MishraEdited By: Published: Fri, 08 Apr 2016 10:01 PM (IST)Updated: Sat, 09 Apr 2016 10:08 AM (IST)
रामनाईक-आजम मामले में दखल से हाईकोर्ट का इनकार

लखनऊ। उत्तर प्रदेश नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2015 को लेकर कैबिनेट मंत्री आजम खां की ओर से राज्यपाल राम नाईक पर की गई टिप्पणी के मामले में हाई कोर्ट की लखनऊ पीठ ने कहा है कि राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, मुख्यमंत्री और आजम खां इस मामले को जल्द सुलझाएं। अदालत ने यह टिप्पणी अशोक पांडेय की ओर से दाखिल उस याचिका पर की है जिसमें आजम खां द्वारा राज्यपाल पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की गई है। अदालत ने मामले में दखल से इंकार कर दिया है।

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शुक्रवार को याचिका पर फैसला देते हुए न्यायमूर्ति एपी शाही की अध्यक्षता वाली दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि संसदीय शब्द से आशय होता है कि जिन शब्दों के इस्तमाल को बोलचाल में सभ्य और शिष्ट वार्ता कहा जाए। इसके विपरीत अशिष्ट भाषा असंसदीय कहलाती है। वाणी जीवन की छवि बनाती है। हम जैसा बोलते हैं, वैसे ही हमारे अंदर के विचारों की भी छवि बनती है। पीठ ने याचिका में उठाये गए मुद्दे पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विचारों में मतभेद के कारण विवेकहीन और असंयमित भाषा के इस्तेमाल को औचित्यपूर्ण नहीं ठहराया जा सकता है जो बाद में दो संवैधानिक पदों के बीच बिगड़े हुए राजनीतिक संघर्ष में बदल जाए। न्यायालय ने आशा और अपेक्षा की कि संवैधानिक संस्थाएं राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष और संबंधित मंत्री इस मामले को जल्द सुलझा लेंगे। वहीं पीठ के दूसरे सदस्य न्यायमूर्ति एआर मसूदी ने इस टिप्पणी से सहमति जताते हुए जोड़ा कि विधानसभा सदस्य को सदन की कार्यवाही के दौरान बोलने और वोट देने का अधिकार होता है। इन अधिकारों के इस्तेमाल पर न्यायालय में प्रश्न नहीं उठाया जा सकता है। उन्होंने टिप्पणी की कि यह प्रकरण न्यायालय की समीक्षा से परे है। इसका हल संवैधानिक संस्थाओं पर छोड़ देना चाहिए। उन्होंने अपनी टिप्पणी में यह भी जोड़ा कि राज्यपाल अपनी किसी भी कार्यकारी शक्ति का प्रयोग मंत्रिमंडल की सहायता और परामर्श से करते हैं।


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