Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    एसिडिटी से छाती में लंबे वक्त तक जलन, कैंसर का दे सकता है जख्‍म; डॉक्‍टर की सलाह पाचन तंत्र को रखेगा दुरुस्त

    By Divyansh RastogiEdited By:
    Updated: Fri, 15 Jan 2021 04:49 PM (IST)

    लखनऊ जीवनशैली सुधार कर पेट में एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह जानकारी पाठकों को केजीएमयू के गैस्ट्रोइसोफेजियल विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने दीं। डॉक्‍टर ने बताया कि सीने में जलन खट्टी डकार को न करें नजरअंदाज।

    Hero Image
    पेट से संबंधि‍त बीमारियों को लेकर केजीएमयू के गैस्ट्रोइसोफेजियल विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने अहम जानकारियां दी।

    लखनऊ, जेएनएन। एसिडिटी (गैस) की समस्या लोगों में लगातार बढ़ रही है। समस्या को नजरंदाज करने पर सीने में जलन (हर्ट बर्न), गले में जलन, खट्टी डकार, खांसी के साथ उल्टी आने लगती है। इसे गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (जीइआरडी) कहते हैं। यह बीमारी लंबे वक्त तक बनी रहने से व्यक्ति में दमा, क्रॉनिक कफ, अल्सर, आहार नली का कैंसर भी हो सकता है। ऐसे में जीवनशैली सुधार कर पेट में एसिडिटी की समस्या से छुटकारा पाया जा सकता है। यह जानकारी पाठकों को केजीएमयू के गैस्ट्रोइसोफेजियल विभाग के अध्यक्ष डॉ. सुमित रूंगटा ने दीं। वह गुरुवार को दैनिक जागरण के हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में मौजूद अहम बातें बताईं, जो हम आपको बता रहे हैं। 

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पेट की प्रमुख बीमारियां: वायरल हेपेटाइटिस, गैस्ट्रोइसोफेजियल रिफलक्स डिजीज (जीईआरडी), पेट और आंत में अल्सर, इरिटेबल बावेल सिंड्रोम (आइबीएस), डिस्पेप्सिया, आंत की टीबी, अल्सरेटिव कोलाइटिस, क्रांस डिजीज, आहार नली व एनल कैंसर, कोलेन, लिवर कैंसर, गॉल ब्लैडर, पित्त नली की पथरी व कैंसर, फैटी लिवर, लिवर सिरोसिस आदि पेट की प्रमुख बीमारियां हैं।

    फैटी लिवर से डायबिटीज का खतरा: डॉ. सुमित रूंगटा बताते हैं कि शरीर में वसा की मात्रा अत्यधिक होने से फैटी लिवर की समस्या हो जाती है। फैट लिवर सेल्स को डैमेज करता है। ऐसे में यह ‘नैश’ की श्रेणी में आ जाता है। इसके बाद व्यक्ति को लिवर सिरोसिस हो जाता है। वहीं, फैट बढ़ने पर इंसुलिन रजिस्टेंस बढ़ जाता है। ऐसे में व्यक्ति डायबिटीज की चपेट में आ जाता है।

    आइबीएस की बढ़ रही समस्या: व्यक्ति में आइबीएस की समस्या भी बढ़ी है। इसे इरिटेबिल बावेल सिंड्रोम बीमारी कहते हैं। पेट संबंधी रोग में करीब पांच फीसद लोग इससे पीड़ित हैं। यह आंत में रिलीज होने वाले न्यूरो ट्रांसमीटर की गड़बड़ी की वजह से होती है। ऐसे में पेट साफ न होना, कब्ज बना रहना, डायरिया हो जाना, पेट में दर्द जैसी समस्या रहती है।

    हेलो डॉक्टर कार्यक्रम में सुनी लोगों की दिक्‍कतें... 

    Q: खाना खाते हैं तो अचानक पेट में दर्द होने लगता है। काफी दिन हो गए हैं, कैंसर तो नहीं हो गया। (अशोक, बाराबंकी)

    A: खाना धीरे-धीरे चबाकर खाएं। यदि आपको पेट के कैंसर संबंधी आशंका है तो इंडोस्कोपी करा लें। घबराएं नहीं, डॉक्टर को दिखाकर उपचार कराएं।

    Q: कब्ज बना रहता है। पैरों में भी दर्द होता है। क्या हो सकता है। (चमन, सुल्तानपुर)

    A: आंतों की गति धीमे होने पर कब्ज की समस्या हो जाती है। फाइबर युक्त भोजन करें। पौष्टि‍क व सुपाच्य भोजन करें। आराम मिलेगी। खानपान सही होगा तो पैरों की कमजोरी भी दूर हो जाएगी।

    Q: पिछले माह कोरोना हो गया था। अब पेट साफ नहीं होता है। कभी-कभी दर्द भी होता है।(प्रेमलता, लखनऊ)

    A: आपको कोविड में हार्ड मेडिसिन चली है। वहीं काढ़ा भी आपने लंबे समय तक पिया है। अब बंद कर दें। सुपाच्य फाइबर युक्त भोजन करें। पानी पिएं, आराम मिल जाएगी।

    Q: हेपेटाइटिस-बी हुआ था। दवा बंद कर दी, इसके बाद वायरल लोड फिर बढ़ गया है। (अशोक, हंसखेड़ा)

    A: हेपेटाइिटस-बी की दवा बंद न करें। आपको फिर से शुरू करनी होगी। केजीएमयू में फ्री दवा की सुविधा है।

    Q: पाइल्स की समस्या है। ब्लीडिंग काफी हाेती है, क्या करें। (विभू, रायबरेली)

    A: फाइबर युक्त भोजन करें। पानी खून पिएं। डॉक्टर को दिखाकर इलाज कराएं।

    Q: हेपेटाइटिस हो चुका है। अब अक्सर पेट खराब रहता है। क्या करना होगा। (विजय कुमार, बहराइच)

    A: आपको इरिटेबिल बावेल सिंड्रोम की समस्या है। इशबगोल का पाउडर लें। फाइबर युक्त भोजन करें। राहत मिलेगी।

    Q: जीईआरडी की समस्या है। दवा लेता हूं ठीक हो जाता हूं। बाद में दिक्कत फिर बढ़ जाती है। (पनव शुक्ला, लखनऊ)

    A: आपको दिनचर्या में सुधार लाना होगा। रात का खाना आठ बजे से पहले खाना होगा। इसके बाद एक घंटे वॉक करें। फाइबर युक्त भोजन लें। खूब पानी पिएं। पलंग का सिरहना ऊंचाकर सोएं।

    Q: हर्ट बर्न की समस्या है। दवा से राहत नहीं मिल रही है, क्या करें। (राजमंगल, बाराबंकी)

    A: चाय, काफी, पान मसाला, गरिष्ठ भोजन, तैलीय खाद्य पदार्थ का सेवन बंद कर दें। शाम को खाना समय पर खाएं। उसके बाद टहलें। जीवनशैली में सुधार करें राहत मिलेगी।

    Q: पेट में दर्द होता है। कभी-कभी चक्कर भी आ जाता है। अल्ट्रासाउंड में कुछ नहीं आया। क्या हो सकता है। (रूबी, गोसाईगंज)

    A: आपको यूरिन संबंधी इंफेक्शन हो सकता है। एक बार डॉक्टर को दिखाकर जांच कराएं। इसके बाद इलाज चलेगा।

    Q: 34 वर्ष का हूं। कब्जियत रहती है। भूख कम हो गई। रोटी खाने का मन नहीं करता है। (रोहित, सीतापुर)

    A: खाने में फाइबरयुक्त पदार्थो को बढ़ाएं। सुबह-शाम इशबगोल का पाउडर लें। राहत न मिलने पर चिकित्सक को दिखाएं।

    Q: हर तीन घंटे में शौच जाना पड़ता है। बावजूद पेट साफ नहीं रहता है। (अमित कुमार, लखनऊ)

    A: यह इरिटेबल बावेल सिंड्रोम बीमारी का लक्षण है। पहले कोलेनोस्कोपी कर बीमारी की पुष्टि की जाएगी। इसके बाद इलाज शुरू होगा।

    Q: पेट में गैस रहती है। वहीं पूरे शरीर में दर्द होने लगता है। क्या गैस की वजह से दर्द होती है। (मीरा, लखनऊ)

    A: गैस से पूरे बदन में दर्द का औचित्य नहीं है। पहले आप तैलीय खाद्य-पदार्थो व चाय से परहेज करें। फाइबर युक्त भोजन व व्यायाम शुरू करें।

    Q: 36 वर्ष उम्र है। अल्ट्रासाउंड में डॉक्टर ने फैटी लिवर बताया है, क्या करें। (रिशू, फैजाबाद)

    A: फैटी लिवर है तो लिवर फंक्शन टेस्ट कराएं। इसके आधार पर इलाज की दिशा तय होगी। मिठाई, तला-भुना खाने से परहेज करें। व्यायाम शुरू करें।

    Q: पहले बाईपास सर्जरी हुई। अब गैस की दिक्कत बढ़ गई है। इससे सीने में दर्द होता है। (मनोज, लखीमपुर)

    A: हृदय रोग की कुछ दवाओं से भी एसिड बनने लगता है। आपको गैस रिफलेक्स हो रहा है। चिकनाईयुक्त खाना न खाएं। सुबह-शाम खाना से पहले गैस की दवा लें।

    Q: पिता को लिवर एप्सिस हो गया है। मवाद के बाद अब पानी जैसा आ रहा है। (प्रशांत, संडीला)

    A: यदि नली पड़ गई है तो दो-ढाई माह में यह ठीक हो जाना चाहिए। समय अधिक हो गया है तो दोबारा जांच कर समस्या का कारण जानना होगा।

    Q: पत्नी का पेट बार-बार खराब हो जाता है। क्या लिवर की दिक्कत है। (नितिन, लखनऊ)

    A: यह लिवर की समस्या नहीं है। पेट और आंत की दिक्कत है। तला-भुना अधिक खाने से परहेज करें।

    Q: ब्लीडिंग होती है। साथ ही पेट साफ भी नहीं होता है। क्या करें, बहुत परेशान हैं। (रिंकू , हरदोई)

    A: अल्ट्रासाउंड जांच कराकर डॉक्टर को दिखाएं। तब तक इशबगोल का पाउडर लें। पेट साफ करने में मदद करेगा।

    Q: एक दिन में चार-पांच बार शौच जाते हैं, फिर भी पेट चढ़ा रहता है। (रोहित, सुल्तानपुर)

    A: आपको इरिटेबल बावेल सिंड्रोम की समस्या है। भोजन में फाइबर की मात्र बढ़ा दें। पानी का पर्याप्त सेवन करें।

    जीईआरडी के दो कारण: गैस्ट्रो इसोफेजियल रिफलेक्स डिजीज (जीईआरडी) का प्रमुख कारण एसिडिटी है। आमाशय में पाचन क्रिया के वक्त हाइड्रोक्लोरिक अम्ल व पेप्सिन का स्राव होता है। यह आमतौर पर आमाशय में ही रहता है। वहीं, अधिक स्राव से यह आहार नली में आ जाता है। इससे जीईआरडी की समस्या हो जाती है। वहीं आमाशय में मौजूद इसोफेजियल जंक्शन के वॉल्व में लीकेज से एसिड आहार नली में पहुंच जाता है तइ भी जीईआरडी की समस्या हावी हो जाती हैं।

    पाचन तंत्र ऐसे रहेगा दुरुस्त: एल्कोहल,पान मसाला, तैलीय खाद्यपदार्थ, गरिष्ठ भोजन न करें। शुगर को नियंत्रित रखें। सुपाच्य, फाइबर युक्त भोजन करें। प्रोटीन युक्त डाइट लें। कोर्बोहाइड्रेट व फैट वाली चीजें कम खाएं। व्यायाम करें। समय पर खाना खाएं। शाम का खाना खाने के बाद तुंरत न सोएं। शरीर में पानी की कमी न होने दें।