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पीजीआइ में अफगानी बच्चे के दिल की सर्जरी

- नहीं बना था बच्चे के दिल में ट्राइक्सपिड वॉल्व - फोनटान तकनीक से सीधे फेफड़े में पहुंचाया

By JagranEdited By: Published: Fri, 15 Dec 2017 07:04 PM (IST)Updated: Fri, 15 Dec 2017 07:04 PM (IST)
पीजीआइ में अफगानी बच्चे के दिल की सर्जरी
पीजीआइ में अफगानी बच्चे के दिल की सर्जरी

- नहीं बना था बच्चे के दिल में ट्राइक्सपिड वॉल्व

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- फोनटान तकनीक से सीधे फेफड़े में पहुंचाया खून

जागरण संवाददाता, लखनऊ : पीजीआइ के कार्डियो वेस्कुलर सर्जरी विभाग के चिकित्सकों ने अफगानिस्तान के बच्चे की जटिल हार्ट सर्जरी कर उसकी जान बचाई। काबुल शहर निवासी बच्चे की उम्र अभी 16 माह की है।

प्रो. निर्मल गुप्ता ने बताया कि बच्चे की सर्जरी गुरुवार रात में की गई। बच्चे के दिल के चेम्बर को विभाजित करने वाले वॉल्व ट्राइक्सपिड में जन्मजात खराबी थी। इस कारण उसे सास लेने में परेशानी हो रही थी। वहीं शुद्ध रक्त अशुद्ध में मिल रहा था। ऐसे में शरीर को शुद्ध रक्त की आपूर्ति नहीं हो पा रही थी। बच्चे का शरीर नीला पड़ जाता था। यही नहीं वॉल्व में खराबी के कारण रक्त फेफड़े में ऑक्सीजिनेट होने के लिए भी सही से नहीं जा पा रहा था, जिस कारण शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो रही थी। प्रो. गुप्ता व उनकी की टीम ने फोनटान तकनीक से दिल की सर्जरी कर रक्त प्रवाह को सामान्य किया, जिसमें दिल के चेम्बर राइट वेंट्रिकल को बाई पास कर इंफीरियन वेना केवा और सुपीरियर वेना केवा के जरिए खून के प्रवाह को सीधे पल्मोनरी आर्टरी में कर दिया। अब पल्मोनरी आर्टरी से खून फेफड़े में जाएगा। वहा से ऑक्सीजिनेट रक्त मुख्य रक्त वाहिका के जरिए शरीर में पहुंचेगा। यह काबुल का चौथा मरीज है, जो संस्थान में इलाज के लिए आया है। टीम में डॉ. नरेश, डॉ. अंकिता, डॉ. पुनीत समेत आदि शामिल रहे।

-क्या है ट्राइक्सपिड एटरेसिया

दिल में चार चेम्बर होते हैं, जिसे राइट एट्रियम, लेफ्ट एट्रियम और राइट वेंट्रीकल और लेफ्ट वेंट्रीकल कहा जाता है। दिल में लेफ्ट साइड से खून एओटा में जाता है जहा से शरीर में पहुंचता है। वॉल्व खून को फ्लो की दिशा को नियंत्रित करता है । ट्राइक्सपिड वॉल्व में बनावटी खराबी होने से राइट तरफ का हार्ट ठीक से काम नहीं कर रहा था। ऐसे में शुद्ध और अशुद्ध रक्त मिक्स हो रहा था। साथ ही खून फेफड़े में भी पर्याप्त मात्रा में नहीं पहुंच रहा था। जिससे शरीर में पर्याप्त ऑक्सीजिनेट रक्त नहीं पहुंच पा रहा था।


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