मुजफ्फरनगर दंगा स्टिंग की पेशी पर कोई नहीं आया, अब चार सुनवाई
मुजफ्फरनगर दंगे पर स्टिंग आपरेशन करने वाले चैनल के लोगों में से कोई भी आज विधानसभा सदन के समक्ष उपस्थिति नहीं हुआ। अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उन्हें चार मार्च को साढ़े बारह बजे विधान सभा में तलब किया है।
लखनऊ। मुजफ्फरनगर दंगे पर स्टिंग आपरेशन करने वाले चैनल के लोगों में से कोई भी आज विधानसभा सदन के समक्ष उपस्थिति नहीं हुआ। देर से सूचना मिलने व स्टिंग की जांच करने वाली विधान सभा की समिति की संस्तुतियों से वाकिफ न होने का हवाला देते हुए तलब किए गए लोगों की ओर से पत्र के जरिए भविष्य में आने की बात कही गई। इस पर सहमत होते हुए विधान सभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने उन्हें चार मार्च को साढ़े बारह बजे विधान सभा में तलब किया है।
इस मामले को लेकर आज भी विधान सभा में गहमागहमी रही। आजम खां ने मंत्री पद से इस्तीफे की पेशकश की तो भाजपा के सुरेश खन्ना ने कहा कि उन्हें मंत्री सदन ने नहीं, मुख्यमंत्री ने बनाया है और इस्तीफा देना है तो उन्हें जाकर दें। यहां इस्तीफे का नाटक करने की कोई जरूरत नहीं है। सपा, मुख्य प्रतिपक्षी बसपा, कांग्रेस व रालोद में एकजुटता थी जबकि भाजपा ने यह कहते हुए किनारा किया कि चूंकि वह समिति गठन की प्रक्रिया, जांच समिति की संस्तुतियों में शामिल नहीं थी, इसलिए वह खुद को अलग करती है।
बसपा व भाजपा के बीच जमकर तकरार हुई। नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या का कहना था कि जब सारा विपक्ष एकजुट है तो भाजपा के इससे अलग होने से शक पैदा होता है कि कहीं उसकी स्टिंग करने वालों से मिलीभगत तो नहीं। कांग्रेस के प्रदीप माथुर ने तो सीधे आरोप लगाया कि स्टिंग आपरेशन भाजपा ने ही कराया। आजम खां ने कहा कि राष्ट्रवाद कोई नया शब्द नहीं है और कुर्सी पर बने रहना उनकी मजबूरी नहीं है। एक भी सदस्य कह दे कि उन्हें इससे इत्तफाक नहीं है तो वह अभी इस्तीफा दे देंगे।
भाजपा के सुरेश खन्ना ने बसपा के आरोपों का यह कहते हुए प्रतिवाद किया कि बसपा अहसानफरामोश है। भाजपा व इसके नेता ब्रहमदत्त द्विवेदी न होते तो आज बसपा का कोई नामलेवा न होता। तीन बार भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया लेकिन बसपा वोटों की खातिर भाजपा पर लांछन लगा रही है। सपा-बसपा में मुस्लिम वोटों के लिए लड़ाई है और इसीलिए दोनों भाजपा पर गलत दोषारोपण करते हैं। मुजफ्फरनगर दंगा स्टिंग