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बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी की तबीयत में हल्का सुधार

अयोध्या की बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी की सेहत में हल्का सुधार है। लखनऊ के लारी कार्डियोलॉजी में कल भर्ती हुए हाशिम को सीने में जकडऩ के साथ ही सांस लेने में तकलीफ थी। आज सुबह साढ़े आठ बजे डॉक्टर्स की टीम ने उनका परीक्षण किया और सुधार

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Sun, 07 Feb 2016 09:16 AM (IST)Updated: Sun, 07 Feb 2016 11:53 AM (IST)
बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी की तबीयत में हल्का सुधार

लखनऊ। अयोध्या की बाबरी मस्जिद के मुख्य मुद्दई हाशिम अंसारी की सेहत में हल्का सुधार है। लखनऊ के लारी कार्डियोलॉजी में कल भर्ती हुए हाशिम को सीने में जकडऩ के साथ ही सांस लेने में तकलीफ थी। आज सुबह साढ़े आठ बजे डॉक्टर्स की टीम ने उनका परीक्षण किया और सुधार के संकेत दिए हैं। माना जा रहा है कि तीन दिन बाद उनको अस्पताल से छुट्टी मिल जाएगी।

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फैजाबाद के अयोध्या में कल सुबह बाबरी मस्जिद के मुद्दई हाशिम अंसारी की तबीयत खराब हो गई थी। सीने में तेज दर्द के साथ ही श्वांस फूलने की शिकायत के बीच उनके पुत्र व अन्य सहयोगियों ने उनको फैजाबाद के एक निजी अस्पताल में दिखाया। जहां से उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया। उनकी गंभीरता को देखते हुए जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी रेफर किया। जहां से उनको लारी कार्डिलाजी में शिफ्ट किया गया।

फैजाबाद जिला चिकित्सालय के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. अनिल कुमार के मुताबिक अंसारी के कार्नरी आर्टलरी में ब्लाकेज के साथ कुछ वर्ष पूर्व हार्ट सर्जरी के दौरान लगे पेस मेकर में भी खराबी आ गई है। 95 वर्षीय हाशिम अंसारी चलने-फिरने में भी असमर्थ हैं। करीब छह माह पहले बाथरूम में गिर जाने से उनके पैर फ्रैक्चर हो गया था। उनके पुत्र मो. इकबाल ने बताया कि केजीएमयू की ह्रदय रोग शाखा लारी कार्डियोलॉजी में भर्ती हाशिम की सेहत में सुधार है, उनकी श्वांस संतुलित होने के साथ छाती का दर्द भी नियंत्रित हुआ है।

95 साल के हाशिम अंसारी

अंसारी को देख रहे डॉ. वीएस नारायण ने बताया कि हाशिम को फेफड़े के साथ ही हार्ट में समस्या है। डेढ़ वर्ष पहले ही हाशिम को हार्ट की समस्या पर डॉ. वीएस नारायण ने पेसमेकर लगाया था।

राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद मामले के मुख्य पैरोकार हैं और रामलला को आजाद देखना चाहते हैं। हाशिम बयान दे चुके हैं कि वे किसी भी कीमत पर वे बाबरी मस्जिद के मुकदमे की पैरवी नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि जहां एक तरफ वह मुकदमा लड़ रहे हैं और दूसरे लोग इसका सियासी फायदा उठा रहे हैं। 95 साल के हाशिम अंसारी 1949 से ही बाबरी केस की पैरवी कर रहे हैं। इनका परिवार कई पीढिय़ों से अयोध्या में ही रह रहा है। बहुत ही साधारण तरीके से जीवन व्यतीत वाले व्यक्ति हैं। हाशिम अंसारी का जन्म 1921 में हुआ था। 1932 में इनके पिता की मृत्यु हो गई, उस समय इनकी उम्र केवल 11 साल थी। इनका निकाह फैजाबाद में हुई। इनके एक बेटा और एक बेटी हैं। छह दिसंबर, 1992 के बलवे में बाहर से आए कुछ दंगाइयों ने उनका घर जला दिया था, लेकिन अयोध्या के हिंदुओं ने उन्हें और उनके परिवार को बचाया। इसके बाद से वह अयोध्या के लोगों के और अधिक मुरीद हो गये हैं।


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