विधायकों का सिरदर्द फेसबुक पर आपत्तिजनक कमेंट
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर लोग गालियां पोस्ट कर देते हैं। आपत्तिजनक
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। सोशल नेटवर्किग साइट फेसबुक पर लोग गालियां पोस्ट कर देते हैं। आपत्तिजनक चित्र अपलोड करते हैं। इसे कैसा रोका जाए। कमेंट करने वाले को अनफ्रेंड या ब्लाक कर दें। कितनों के साथ ऐसा करें, कोई और राह सुझाएं। सोशल मीडिया पर सक्रिय विधायकों ने विशेषज्ञों से कुछ ऐसे ही सवाल दागे। कई के जवाब विशेषज्ञों के पास भी नहीं थे।
न्यू मीडिया की संचालक संस्थाओं के नुमाइंदों की पहल पर मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शनिवार को अपने सरकारी आवास पर 'लोकतंत्र के लिए सोशल मीडिया' विषयक कार्यशाला बुलाई जिसमें सोशल मीडिया पर सक्रिय विधायकों को आमंत्रित किया गया। चार दर्जन से अधिक विधायकों ने इसमें हिस्सा लिया। एक विधायक ने पूछा, फेसबुक पर अधिकतम पांच हजार ही फ्रेंड बना सकते हैं, समर्थकों की संख्या अधिक होने पर क्या करें। जवाब मिला दूसरा पेज बनाएं। राज्यमंत्री का दर्जा प्राप्त एक नेता ने पूछा कि कुछ लोग गालियां पोस्ट कर देते हैं। आपत्तिजनक तस्वीरें टैग कर देते हैं, कैसे रोकें। विशेषज्ञों ने कहा कि टैग करने वाले को ब्लॉक या अनफ्रेंड कर दें। प्रतिप्रश्न हुआ कि कितने लोगों को ब्लाक किया जाएगा, इससे एक दूसरे से जुड़ी चेन टूटने का खतरा रहता है। इस सवाल पर विशेषज्ञों ने भी हाथ खड़े कर दिए। ऐसे ही ट्विटर पर शब्द सीमा को लेकर भी सवाल दागे गए। सपा विधायक इरफान सोलंकी ने बताया कि वह पहले से ही फेसबुक पर सात पेज चला रहे हैं तो सुनील यादव साजन ने तीन पेज की बात कही।
सवाल जवाब सत्र खत्म होने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि जनता को लाभ देने के लिए नवीनतम तकनीक अपनाई जानी चाहिए। विधायकों को निर्देशित किया कि वह सरकार की उपलब्धियों को जनता तक ले जाने के लिए सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें। ट्विटर इंडिया के राहिल खुर्शीद ने कहा कि दुनियाभर में राजनीति से जुड़े लोग सोशल मीडिया का प्रयोग कर रहे हैं। गूगल इंडिया के पीयूष पोद्दार ने विधायकों के लिए अधिकृत वेबसाइट की उपयोगिता पर प्रकाश डाला। यू-ट्यूब पर वीडियो अपलोड करने का तरीका बताया और दायरा बढ़ाने के लिए फेसबुक के साथ गूगल प्लस पर प्रोफाइल बनाने की बात कही। गूगल इंडिया की फातिमा आलम, डिजिटल एंपावरमेंट फाउंडेशन के देवेन्द्र सिंह भदौरिया एवं रुचा देशपाण्डे ने सोशल मीडिया के इस्तेमाल की जानकारी दी। फिफ्थ इस्टेट ट्रस्ट के मुख्य सलाहकार वेंकटेश रामकृष्णन एवं प्रबंध निदेशक पल्लवी गुप्ता ने भी अपनी बात रखी।
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