Hathras Case Hearing: हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच के जज छुट्टी पर; अब सुनवाई के लिए मिलेगी नई डेट
Hathras Case Hearing उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड की इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को सुनवाई होनी थी लेकिन जस्टिस राजन रॉय के छुट्टी पर होने के कारण सुनवाई टल गई। अब सुववाई के लिए नई तारीख मिलेगी।
लखनऊ, जेएनएन। Hathras Case Hearing: उत्तर प्रदेश के बहुचर्चित हाथरस कांड की इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में बुधवार को सुनवाई होनी थी, लेकिन जस्टिस राजन रॉय के छुट्टी पर होने के कारण सुनवाई टल गई। अब सुववाई के लिए नई तारीख मिलेगी। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआइ) को बुधवार को कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करनी थी। इससे पहले 16 दिसंबर को सुनवाई के दौरान सीबीआइ ने चार्जशीट दाखिल नहीं की थी और जांच पूरी करने के लिए वक्त मांगा था। तब हाई कोर्ट ने अगली सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख तय की थी।
जस्टिस पंकज मित्थल और जस्टिस राजन रॉय की पीठ हाथरस मामले में स्वत: संज्ञान द्वारा 'गरिमापूर्ण ढंग से अंतिम संस्कार के अधिकार' टाइटिल से दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई कर रही है। पिछली सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट के पूर्व के आदेश के अनुपालन में सीबीआइ के अधिवक्ता अनुराग सिंह ने जानकारी दी थी कि मामले की जांच पूरी करने के बाद चार्जशीट दाखिल कर दी जाएगी। दो दिन बाद 18 दिसंबर को सीबीआइ ने हाथरस की एससी-एसटी कोर्ट में चारों आरोपियों संदीप, रामू, लवकुश और रवि के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था। सीबीआइ ने आरोप पत्र में पीड़िता के आखिरी बयान को आधार बनाकर कहा था कि चारों आरोपितों ने हत्या करने से पहले युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था।
बता दें कि उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के चंदपा इलाके के बूलगढ़ी गांव में 14 सितंबर को चार लोगों ने कथित रूप से 19 साल की दलित युवती से सामूहिक दुष्कर्म किया था। इस दौरान युवती को गंभीर चोट आई थी। दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में इलाज के दौरान 29 सितंबर को पीड़िता की मौत हो गई थी। पीड़िता की 30 सितंबर को रात के अंधेरे में उसके घर के पास ही अंत्येष्टि कर दी गई थी। उसके परिवार का आरोप है कि स्थानीय पुलिस ने जल्दबाजी में अंतिम संस्कार करने के लिए मजबूर किया, जबकि स्थानीय पुलिस-प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि परिवार की इच्छा के मुताबिक ही अंतिम संस्कार किया गया।