Kamlesh Tiwari Murder case : अशफाक की पत्नी के जरिए हत्यारों तक पहुंची गुजरात एटीएस
हत्या के दिन ही गुजरात एटीएस ने सर्विलांस पर लिया था महिला का नंबर। उत्तर प्रदेश में पुलिस से मुठभेड़ का भय दिखाकर बिछाया था जाल।
लखनऊ, जेएनएन। हिंदुत्ववादी नेता कमलेश तिवारी के हत्यारों तक गुजरात एटीएस सर्विलांस की मदद से पहुंची थी। कमलेश की हत्या के दिन ही गुजरात एटीएस ने अशफाक की पत्नी महजबीन का नंबर सर्विलांस पर लेने की अनुमति ले ली थी। इसके बाद से वह लगातार अशफाक की पत्नी के कॉल डिटेल व बातचीत पर नजर रखे हुए थी। इधर, लखनऊ पुलिस ने जब महिला का नंबर सर्विलांस पर लेने की तैयारी की तो पता चला कि यह प्रक्रिया पहले ही गुजरात एटीएस कर चुकी है।
अशफाक और मोइनुद्दीन लगातार लोकेशन बदलने के साथ ही अलग-अलग नंबरों से अपने करीबियों के संपर्क में थे। अशफाक बीच-बीच में अपनी पत्नी को फोन कर रहा था, जिसकी जानकारी एटीएस को मिली। इसके बाद गुजरात एटीएस ने जाल बिछाना शुरू किया। हत्यारोपितों के घरवालों से यूपी पुलिस से दोनों का मुठभेड़ होने का डर दिखाया गया। इसके बाद अशफाक की पत्नी ने उसे यूपी से बाहर निकलने के लिए कहा था। हत्यारोपित शाहजहांपुर से दिल्ली के रास्ते राजस्थान बॉर्डर पहुंचे थे।
बस से जा रहे थे गुजरात
दोनों आरोपित बस से गुजरात जाने की फिराक में थे। अशफाक जिस बस में बैठा था, उसमें मौजूद एक अनजान व्यक्ति के फोन से उसने पत्नी को कॉल किया था। इसकी जानकारी गुजरात एटीएस को हो गई। कुछ देर बाद गुजरात एटीएस ने सबसे पहले उस व्यक्ति को पकड़ा, जिसने अपना फोन अशफाक को दिया था। एटीएस ने उस व्यक्ति से दोनों हत्यारों का हुलिया पूछा और फिर उस बस के बारे में जानकारी हासिल की, जिसमें अशफाक और मोइनुद्दीन सवार थे। बस का पीछा कर दोनों को एटीएस ने मंगलवार शाम राजस्थान बॉर्डर से दबोच लिया था।
लगातार पीछा कर रही थी पुलिस
एसएसपी कलानिधि नैथानी के मुताबिक दोनों हत्यारोपितों का लखनऊ पुलिस लगातार पीछा कर रही थी। यही वजह है कि दोनों नेपाल नहीं भाग सके। वहीं, शाहजहांपुर में लोकेशन मिलने के बाद पुलिस टीम ने इलाके में डेरा डाल दिया था और संभावित स्थानों पर छापेमारी की जा रही थी। इस कारण आरोपितों को यूपी से बाहर भागना पड़ा।