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कथक की नई पौध तैयार कर रहे हैं, लखनऊ के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड होल्डर शुभम तिवारी

लखनऊ के 22 वर्षीय युवा कलाकार शुभम तिवारी कथक की दुनिया का चमकता सितारा बनना चाहते हैं। इसके लिए वो रियाज में भी कोई कमी नहीं छोड़ते। ये शुभम के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड में भी शुभम का नाम दर्ज है।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Fri, 27 Nov 2020 08:22 AM (IST)Updated: Fri, 27 Nov 2020 08:22 AM (IST)
कथक की नई पौध तैयार कर रहे हैं, लखनऊ के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड होल्डर शुभम तिवारी
लखनऊ के गिनीज बुक ऑफ वर्ल्‍ड रिकॉर्ड होल्डर शुभम तिवारी कथक गुरु पंडित अनुज मिश्र के शिष्य हैं।

लखनऊ, जेएनएन। शहर के 22 वर्षीय युवा कलाकार शुभम तिवारी कथक की दुनिया का चमकता सितारा बनना चाहते हैं। इसके लिए वो रियाज में भी कोई कमी नहीं छोड़ते। ये शुभम के अथक परिश्रम का ही परिणाम है कि गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकॉर्ड में भी शुभम का नाम दर्ज है। एक मिनट में 130 चक्कर लगाकर शुभम ने ये उपलब्धि हासिल की। शुभम कथक गुरु पंडित अनुज मिश्र के शिष्य हैं। शुभम संगीत नाटक अकादमी की प्रादेशिक प्रतियोगिता-2017 में भी प्रथम पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। शुभम अपने गुरु के पिता जी के नाम पर भी सम्मान पाने का सौभाग्य पा चुके हैं। शुभम को 2018 में अपने गुरु अनुज मिश्र के गुरु और पिता अर्जुन मिश्र के नाम से अवॉर्ड मिला।

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शुभम आजकल खुद रियाज करने के साथ ही कथक की नई पौध तैयार करने में भी लगे हुए हैं। वो बच्चों को कथक नृत्य का प्रशिक्षण देते हैं। शुभम कहते हैं, कोरोना ने कलाकारों का बहुत नुकसान किया है, फिर भी ये कलाकारों की सकारात्मकता ही है कि वो ऑनलाइन मंच पर हर किसी का मनोरंजन करने में लगे रहते हैं। आप जिधर देखिए हर मंच किसी न किसी कला से सजा हुआ है।

लोग देते थे ताना, परिवार ने संभाला

शुभम कहते हैं, घुंघरू और कथक एक दूसरे का पर्याय हैं। बचपन से ही नृत्य का शौक था। धीरे-धीरे शास्त्रीय नृत्य की ओर रुझान बढ़ा। 2012 से 2014 तक कथक केंद्र में प्रशिक्षण भी लिया, वहां गुरु रेनू श्रीवास्तव का सानिध्य मिला। शुरुआत में घुंघरू बांधकर नृत्य करने पर बाहर वालों के ताने भी सुने, पर घरवालों के सपोर्ट ने मुझे हौसला और अपने मन का करने का जज्बा दिया। आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के बाद भी परिवार ने मुझे नृत्य करने से कभी नहीं रोका। आज मैं जो कुछ हूं वो ईश्वर और माता-पिता एवं गुरु अनुज मिश्र के आशीर्वाद से हूं।


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