बादलों ने भर दी धरा की कोख, राजधानी में भूजल स्तर खतरनाक स्थिति पर
हालाकि खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुके भूजल के स्तर में कुछ ही सुधार आया। लखनऊ(जागरण
लखनऊ(जागरण संवाददाता)। तेज बारिश से हो रहे जलभराव से भले ही लोग परेशान हो रहे हों, लेकिन बारिश से धरा की सूखती कोख को अवश्य ही कुछ राहत मिली है। इस बादलों ने थोड़ी ही सही, लेकिन धरा की कोख जरूर भर दी है। हालाकि यह वृद्धि बेहद मामूली है। कारण यह है कि अधाधुंध दोहन से भूजल स्त्रोत संकट में हैं। राजधानी में भूजल स्तर खतरनाक स्थिति तक नीचे जा चुका है। ऐसे में बारिश से मिली थोड़ी सी राहत नाकाफी होगी। बारिश खत्म होते ही स्थितिया वैसी ही हो जाएंगी। बारिश से जल स्नोतों को कुछ राहत मिली या नहीं यह देखने के लिए विभिन्न इलाकों में स्थापित ऑटोमेटिक वाटर लेवल रिकार्डर के आकड़े एकत्र किए। बीती जुलाई से हो रही बारिश का कुछ असर भूजल स्त्रोतों पर दिखाई देने लगा है। गोमती नगर के विनय खंड में जुलाई माह के जल स्तर 33.53 मी. की तुलना में बीती चार सितंबर को जल स्तर 1.28 मी. चढ़ कर 32.25 मी. मापा गया। इंदिरा नगर में सेक्टर सी में यह वृद्धि लगभग दो मी., चिल्लावा (एयरपोर्ट के निकट) 27 से.मी., जानकीपुरम में 30 से.मी. पाई गई। जबकि कैंट व सदर में सात से.मी. की ही वृद्धि रिकार्ड हुई। महानगर में भूजल स्तर में15 से.मी.की वृद्धि रिकार्ड हुई। सरोजनी नगर में 31 से.मी. की बढ़ोतरी इस मध्य रिकार्ड हुई। भूजल विभाग के निदेशक वीके उपाध्याय कहते हैं कि इस बार बारिश अच्छी हो रही है। बारिश एक साथ न होकर लगातार हो रही है। इससे रीचार्जिंग अच्छी होगी। हालाकि बारिश खत्म होते ही चंद दिनों के भीतर ही स्थिति पूर्ववत हो जाएगी। जरूरी यह है कि हम ज्यादा हिस्से को कच्चा छोड़ दें जिससे पानी प्राकृतिक रूप से रिस कर भूजल स्त्रोतों तक पहुंच सके।
हाईवे पर गिरा पेड़, लगा जाम :
बारिश के दौरान छावनी स्थित रायबरेली रोड पर पेड़ गिर गया। हालाकि इससे कोई राहगीर घायल नहीं हुआ लेकिन करीब दो घटे तक इस रोड पर जाम लगा रहा। उधर बारिश के चलते चारबाग स्टेशन और लखनऊ जंक्शन का परिसर जलमग्न हो गया। घुटनों तक भरे पानी में लोगों को स्टेशन तक आना और जाना पड़ा। उधर करीब नौ बजे महात्मा गाधी मार्ग स्थित नेहरू रोड चौराहा के पास पेड़ गिर गया। इससे तेलीबाग की ओर से आने वाला यातायात रुक गया। जबकि सोमनाथ द्वार और माल एवेन्यू पुल की ओर से जाने वाला यातायात भी थम गया। लंबा जाम लगने से लोगों को दूसरे रास्ते तलाशने पड़े।
थमेगी बारिश की रफ्तार:
बीते कई दिनों से हो रही झमाझम बारिश गुरुवार से कुछ हद तक थमेगी। मौसम विभाग के अनुसार राजधानी में आशिक बदली रहेगी। बीच-बीच में गरज के साथ बारिश भी हो सकती है। वहीं पूर्वी उत्तर प्रदेश में कुछ स्थानों पर जोरदार बारिश की भी आशका है। बारिश का सिलसिला बीती रात भर जारी रहा। सुबह साढ़े आठ बजे तक शहर में 60.6 मिमी. बारिश हो चुकी थी जबकि शाम साढ़े पाच बजे तक 17 मिमी. बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग के अनुसार गुरुवार से बारिश का असर कुछ कम होगा।
बारिश से प्रदेश सराबोर :
जून से सितंबर तक हुई बारिश से इस बार प्रदेश के तमाम जिले सरोबार हो गए। बीते साल जहा 120 फीसद से अधिक बारिश किसी भी जिले में नहीं हुई थी वहीं इस बार 24 जिले ऐसे हैं जहा खूब पानी बरसा है। सामान्य बारिश 30 जिलों में और 60 से 80 फीसद बारिश 12 जिलों में रिकार्ड की गई है। बीते वर्ष 15 जिले ऐसे थे जहा 40 से 60 फीसद बारिश हुई थी। इस वर्ष मात्र सात जिलों में ही बहुत कम बारिश हुई है। 40 फीसद से कम बारिश वाले बीते साल जहा तीन जिले थे, वहीं इस बार केवल दो ही जिले ऐसे हैं जहा छिटपुट बारिश हुई है। छावनी में रोड पर गिरे पेड़ की वजह से लोगों को दूसरे रास्ते तलाशने पड़े। हालाकि खतरनाक स्थिति तक पहुंच चुके भूजल के स्तर में कुछ ही सुधार आया।