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Ground Breaking Ceremony-2 : अमित शाह ने ठोंकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पीठ

शाह ने कहा कि योगी के नेतृत्व में उप्र में बहुत सारी तब्दीलियां आयीं लेकिन जो सबसे बड़ा परिवर्तन था वह लोगों में विश्वास और आत्मविश्वास पैदा करने का था।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Sun, 28 Jul 2019 09:01 PM (IST)Updated: Mon, 29 Jul 2019 08:03 AM (IST)
Ground Breaking Ceremony-2 : अमित शाह ने ठोंकी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पीठ

राज्य ब्यूरो, लखनऊ। निवेश परियोजनाओं के भूमि पूजन समारोह के मंच से भाजपा अध्यक्ष व केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जमकर पीठ थपथपाई। कहा कि योगी के नेतृत्व में सवा दो साल की अल्पावधि में ही उप्र का जिस तरह से कायाकल्प हुआ, उससे उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बतौर भाजपा अध्यक्ष उनका निर्णय सही साबित हुआ। इससे पहले योगी राजकाज में मार्गदर्शन के लिए शाह के प्रति कृतज्ञता जता चुके थे।

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शाह ने कहा कि 2017 में जब उप्र में भाजपा की सरकार बनी तो किसी ने योगी आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री बनाये जाने की कल्पना तक नहीं की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष के रूप में उन्होंने जब योगी को इस दायित्व के लिए चुना तो इस पर काफी सवाल उठे थे। खुद उन्हें बहुत सारे लोगों ने फोन कर कहा था कि योगी ने तो कभी म्युनिसिपैलिटी भी नहीं चलाई, वह कभी मंत्री नहीं रहे। वह संन्यासी और पीठाधीश्वर हैं। उन्हें कोई प्रशासनिक अनुभव नहीं है। फिर उन्हें आप उप्र जैसे राज्य का इतना बड़ा काम कैसे सौंप रहे हैं? लेकिन, हमें यकीन था कि यदि व्यक्ति में निष्ठा और कठोर परिश्रम की क्षमता है तो वह सारी परिस्थितियों को अनुकूल बना लेगा।

योगी ने इस फैसले को उचित साबित किया। शाह ने कहा कि योगी के नेतृत्व में उप्र में बहुत सारी तब्दीलियां आयीं लेकिन जो सबसे बड़ा परिवर्तन था, वह लोगों में विश्वास और आत्मविश्वास पैदा करने का था। उप्र में प्रशासन का जिस कदर राजनीतिकरण हुआ, उसकी मिसाल कहीं और देखने को नहीं मिलती। योगी आदित्यनाथ ने प्रशासनिक अधिकारियों को राजनेताओं की बजाय जनता का सेवक बनाने का काम किया। यह मूलभूत परिवर्तन उप्र के विकास की नींव बना है।

इससे पूर्व योगी ने कहा कि उनके सामने जब भी कोई कठिन चुनौती आयी, वह शाह को फोन करते थे और उन्हें हमेशा उनका मार्गदर्शन मिला। उनकी कार्यप्रणाली में स्पष्टता के साथ कार्यक्रम को लक्ष्य तक पहुंचाने की दृढ़ इच्छाशक्ति और संवेदनशीलता झलकती है। कहा कि उन्हें भी सूबे की सामाजिक, आर्थिक, भौगोलिक और राजनीतिक स्थितियों की उतनी सटीक जानकारी नहीं है, जितनी कि शाह को।

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