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लखनऊ के वन स्टाप सेंटर की शानदार पहल, कोरोना काल में तलाक की दहलीज तक पहुंचे 65 दंपति को मिलाया

कोरोना काल ने सबकुछ दिखा दिया जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता। अपने पराए की पहचान के साथ खून के रिश्तों की कड़वाहट को भी नजदीक से महसूस किया गया। केजीएमयू की मच़्र्युरी में खून के रिश्तों की अहमियत लावारिश शवों के सामूहिक दाह संस्कार ने समाज को बता दिया।

By Vikas MishraEdited By: Published: Tue, 28 Sep 2021 10:01 AM (IST)Updated: Tue, 28 Sep 2021 02:15 PM (IST)
लखनऊ के वन स्टाप सेंटर की शानदार पहल, कोरोना काल में तलाक की दहलीज तक पहुंचे 65 दंपति को मिलाया
लखनऊ के वन स्टाप सेंटर ने रिश्तों की डोर मजबूत करने में बेहतरीन पहल की।

लखनऊ: [जितेंद्र उपाध्याय]। कोरोना काल ने वह सबकुछ दिखा दिया जिसकी कल्पना कोई नहीं कर सकता। अपने पराए की पहचान के साथ खून के रिश्तों की कड़वाहट को भी बड़ी नजदीकी से महसूस किया गया। केजीएमयू की मच़्र्युरी में खून के रिश्तों की अहमियत लावारिश शवों के सामूहिक दाह संस्कार ने समाज को बता दिया। संक्रमण से जो बचे उनमें ज्यादातर मानसिक तनाव के शिकार हो गए। हालात ऐसे हुए कि घर की बाउंड्री से निकलकर रिश्ते तलाक की दहलीज तक पहुंच गए।

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इन रिश्तों को बचाने की चुनौती के बीच लोकबंधु चिकित्सालय परिसर में स्थापित वन स्टाप सेंटर की पहल रंग लाई और ऐसे 65 दंपतियों तलाक की दहलीज से निकालकर वापस चहारदीवारी के अंदर करने का सफल प्रयास किया। पहले हुई तलाक लेने की भूल को छोड़कर रिश्ते को फिर कुबूल कर नई जिंदगी शुरू की। सेंटर की प्रबंधन अर्चना सिंह ने बताया कि 181 के माध्यम से महिलाएं प्रताड़ित होने की सूचना देती हैं जिसको गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई की जाती है। छोटी-छोटी बातों को लेकर सात जन्मों के रिश्तों की नुमाइश करने वाले ऐसे लोगों को समझाना कठिन तो होता है लेकिन नामुकिन नहीं होता। वन स्टाप सेंटर की यही भूमिका है जिससे सामाजिक तानाबाना बना रहे। परिवार एक हो और हम सब एक जुट होकर सशक्त भारत का निर्माण करने में सहयोग करें। 65 दंपतियों को फिर से मिला सके, यही मेरे लिए सबसे बढ़ा इनाम है। 

सिल्वर जुबली मना चुके दंपतियों में रहा मनमुटावः कोरोना काल में ऐसा नहीं कि पुराने दंपति मनमुटाव के शिकार थे। नए शादी करने वाले भी इसमे शामिल हैं। छह महीने से लेकर सिल्वर जुबली मना चुके दंपति के रिश्ते भी तलाक की दहलीज तक गए और उन्हें वापस लाया गया। अनपढ़ के बजाय 80 फीसद मामले ऊंची पढ़ाई करने वालों के बीच के थे। इगो के चलते रिश्ते टूटने लगते हैं। जिला प्रोबेशन अधिकारी विकास सिंह ने बताया कि इसका मकसद ही यही है कि टूटते रिश्तों को फिर से जोड़ा जाए। इस वर्ष अप्रैल से अगस्त के बीच 625 मामले हेल्पलाइन 181 में दर्ज हु थे जबकि 2020 में एक हजार शिकायतें आईं थीं। सभी को सुलझाने का प्रयास पहली प्राथमिकता होती है।


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