कारगिल विजय दिवस पर राज्यपाल ने किया 'शौर्य को नमन'
कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में राज्यपाल राम नाईक शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा और अखिलेश सरकार में राज्य मंत्री रविदास मेहरोत्रा भी मौजूद थे।
लखनऊ (जेएनएन)। राजधानी लखनऊ में कारगिल विजय दिवस की 17वीं वर्षगांठ के मौके पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। कारगिल शहीद स्मृति वाटिका में राज्यपाल राम नाईक शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उनके साथ लखनऊ के महापौर दिनेश शर्मा और अखिलेश सरकार में राज्य मंत्री रविदास मेहरोत्रा भी मौजूद थे। इनके अलावा शहीद सैनिकों के परिजन और भूतपूर्व सैनिक भी मौजूद थे।स्कूलों में भी शौर्य दिवस को मनाया जा रहा है।
इस दौरान राज्यपाल ने कहा कि अटल सरकार ने 439 शहीद परिवारों का रखा ध्यान शहीदो के परिजनो को पेट्रोलपंप,गैस एजेंसी आवंटित की थी कारगिल युद्ध के दौरान मैं पेट्रोलियम मंत्री था। मां-बाप धन्य जिन्होंने बेटे को देश के लिए न्योछावर किया। रामनाईक ने कारगिल शहीदों को किया नमन,परिजनों को स्मृति चिन्ह,शॉल दे कर किया सम्मानित
गौरतलब है कि 1999 में पाकिस्तानी सेना ने भारतीय सीमा में घुसकर कई महत्वपूर्ण चौकियों पर कब्ज़ा कर लिया था. जिसके बाद भारत के वीर जवानों ने अद्वितीय सहस और वीरता का परिचय देते हुए 26 जुलाई 1999 को कारगिल युद्ध में पाकिस्तान को धुल चाटाते हुए विजय हासिल की थी। हालांकि दो महीने तक चले इस युद्ध में भारत के 527 जवान वीरगति को प्राप्त हुए थे जबकि 13 हजार से ज्यादा जवान घायल हुए थे।
कारगिल विजय के बाद भारत की सेना विश्व की दुर्जेय सेना में शुमार हो गई थी। यह युद्ध इतना आसन नहीं था। दुश्मन उंचाई पर बैठा था और उसे खदेड़ना इतना आसान नहीं था। लेकिन यह भारतीय सेना के जवान ही थे जिन्होंने अपनी जान की बाजी लगाते हुए न केवल दुश्मनों के दांत खट्टे किये बल्कि अपनी एक-एक इंच जमीन को उनके कब्जों से मुक्त कराया।