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पद्मश्री से अलंकृत UP की दस विभूतियों को राज्यपाल राम नाईक ने किया सम्मानित

राजभवन में शुक्रवार को पद्म पुरुस्कार से अलंकृत दस विभूतियों को अभिनंदन समारोह में सम्मानित किया गया।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Fri, 29 Mar 2019 09:43 PM (IST)Updated: Sat, 30 Mar 2019 08:37 AM (IST)
पद्मश्री से अलंकृत UP की दस विभूतियों को राज्यपाल राम नाईक ने किया सम्मानित
पद्मश्री से अलंकृत UP की दस विभूतियों को राज्यपाल राम नाईक ने किया सम्मानित

लखनऊ, जेएनएन। राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि उत्तर प्रदेश से दस विभूतियों को पद्मश्री सम्मान मिलना बड़ी बात है। कहीं भी पुरस्कृत होने के बाद अपने घर में सम्मानित होने की अनुभूति अलग ही होती है, इसी कारण मैंने यह परंपरा शुरू की।

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राजभवन में शुक्रवार को पद्म पुरुस्कार से अलंकृत दस विभूतियों को अभिनंदन समारोह में सम्मानित किया गया। इसमें से कुछ शख्सियत अस्वस्थ व अन्य कारणों से उपस्थित नहीं हो सके तो उनके प्रतिनिधियों को यह सम्मान दिया गया।

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि जब कोई पुरस्कार या सम्मान मिले और उसके बाद घर पर लौटकर पीठ थपथपाई जाए तो एक अलग ही अनुभूति होती है। यही कारण है कि राज्यपाल रहते हुए मैने वर्ष 2016 में यह परंपरा शुरू की। आपके व्यक्तित्व व कृतित्व से दूसरे भी प्रेरित होंगे और उन्हें नई प्रेरणा व उत्साह मिलेगा। कार्यक्रम में उन्होंने अपने कार्यकाल में अभी तक किए गए दस महत्वपूर्ण कार्यों के बारे में भी जानकारी दी, जिसमें इलाहाबाद का नाम प्रयागराज करने, यूपी दिवस मनाने, कुष्ठ पीडि़तों के पुनर्वास के लिए काम करना आदि शामिल है।

पद्मश्री पाने वाली जिन विभूतियों को सम्मानित किया गया उनमें मेडिकल डेंटिस्ट्री के लिए केजीएमयू के डेंटल फैकल्टी के डीन प्रो. शादाब मोहम्मद, साहित्य व शिक्षा के लिए लखनऊ विश्वविद्यालय के संस्कृत विभाग के अध्यक्ष प्रो. बृजेश कुमार शुक्ला, उन्नत कृषि के लिए बाराबंकी के प्रगतिशील किसान रामसरन वर्मा, जैविक खेती को बढ़ावा देने वाले बुलंदशहर के भारत भूषण त्यागी, वाराणसी में रहने वाले विख्यात संगीतकार राजेश्वर आचार्य जिन्हें जलतरंग का जादूगर कहा जाता है, वाराणसी के ही समाजसेवी डॉ. रजनीकांत जिन्होंने हस्तकला को बढ़ावा दिया।

वाराणसी की ही रहने वाली बास्केटबाल की मशहूर खिलाड़ी प्रशांति सिंह को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया। वहीं अस्वस्थ होने के कारण दो शख्सियत नहीं आ सकी। इसमें समाजसेवा व पशु सेवा में उल्लेखनीय कार्य करने वाले मथुरा के संत रमेश बाबा जी महाराज के प्रतिनिधि सुनील सिंह और वाराणसी के मशहूर लोक गायक हीरा लाल यादव के पुत्र सत्यनारायण यादव को प्रतीक चिन्ह व अंगवस्त्र देकर सम्मानित किया गया।

इसके अलावा साहित्य, शिक्षा एवं पत्रकारिता के क्षेत्र में मरणोपरांत पद्मश्री पाने वाले देवेंद्र स्वरूप की बेटी पुनीता अग्रवाल को सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने कहा कि राज्यपाल राम नाईक ने कई अच्छी परंपराएं शुरू की, यह हमें नई प्रेरणा देती हैं। कार्यक्रम में राज्यपाल के अपर मुख्य सचिव हेमंत राव, पूर्व मंत्री डॉ. अम्मार रिजवी सहित कई गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहे।

राज्यपाल बोले मैं एक्सीडेंटल पीएम की तरह एक्सीडेंटल लेखक

कार्यक्रम में राज्यपाल राम नाईक ने चुटकी लेते हुए कहा कि जैसे एक्सीडेंटल पीएम हैं, वैसे ही मैं एक एक्सीडेंटल लेखक हूं। मेरे आत्म संस्मरणों पर आधारित पुस्तक चरैवेति-चरैवेति का अब तक दस भाषाओं में अनुवाद हो चुका है। अगर किसी नेता ने इस तरह की किताब नहीं लिखी है तो मुझे कोई विद्वान बताएं, मैं इसे गिनीज बुक ऑफ वल्र्ड रिकार्ड में दर्ज करवाने की पहल करूंगा।

ज्यादा मतदान करने वाले होंगे सम्मानित

राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि मतदान करना राष्ट्रधर्म है। इस लोकसभा चुनाव में जिस लोकसभा, विधानसभा, वार्ड व बूथ में सबसे अधिक प्रतिशत मतदान होगा उन्हें राजभवन में सम्मानित किया जाएगा।  


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