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प्लास्टिक के प्रति तिरस्कार पैदा करें, एक जिला एक फसल योजना भी शुरू हो : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

राजभवन में दो दिवसीय प्रादेशिक फल शाकभाजी पुष्प प्रदर्शनी का समापन। 24 फरवरी तक रहेगी प्रदर्शनी 29 तक राजभवन देख सकेंगे आम लोग।

By Divyansh RastogiEdited By: Published: Sun, 23 Feb 2020 05:51 PM (IST)Updated: Mon, 24 Feb 2020 07:40 AM (IST)
प्लास्टिक के प्रति तिरस्कार पैदा करें, एक जिला एक फसल योजना भी शुरू हो : राज्यपाल आनंदी बेन पटेल

लखनऊ, जेएनएन। आम लोगों की चिंता करने वाले किसानों ने जैविक खेती के माध्यम से लोगों की सेहत को सुधारने का कार्य शुरू किया है। ऐसे में अब जरूरत है कि एक जिला एक उत्पाद की तर्ज पर एक जिला एक फसल की योजना भी शुरू होनी चाहिए। पिछले दिनों में मेरी सरकार के प्रतिनिधियों से इसे लेकर चर्चा भी हुई। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल रविवार को राजभवन में आयोजित फल शाकभाजी पुष्प प्रदर्शनी का समापन अवसर पर बोल रही थीं। बता दें, बीते दिन पुष्‍प प्रदर्शनी का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया था। 

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उन्होंने प्रदर्शनी में आए प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया और उनकी मेहनत की तारीफ भी की। उन्होंने कहा कि प्लास्टिक का प्रयोग मवेशियों के लिए जानलेवा हो रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी प्लास्टिक के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ऐसे में अब समय आ गया है कि हम इसके प्रति तिरस्कार पैदा करें। राज्यपाल ने बच्चों के स्वास्थ्य के प्रति गंभीर रहने की अभिभावकों को सलाह दी। उन्होंने जंक फूड के बजाए बच्चों को फल और सब्जियों का सेवन कराने की आदत बनाने की सलाह दी। राज्यपाल ने मध्याह्न भोजन की गुणवत्ता में सुधार पर संतोष जताया, लेकिन समय में बदलाव की सलाह दी। उन्होंने कहा कि भोजन मिलने तक बच्चे भूखे रहते हैं तो उनका पढऩे में मन नहीं लगता होगा। ऐसे में बीच में भी उन्हें कुछ खाने को मिलना चाहिए। इसके लिए माता-पिता टिफिन भी बच्चों को दें। उन्होंने कहा कि राजभवन राज्यपाल का नहीं आम लोगों का भी है। इसके चलते पहली बार दर्शकों को राजभवन के अंदर प्रतिबंधित परिसर में भी जाने का मौका मिला। उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार राम चौहान ने कहा कि सरकार किसानों की आय दोगुनी करने के लिए काम कर रही है। उद्यान और औषधीय खेती के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है। वहीं, आम लोगों के लिए पुष्प प्रदर्शनी एक दिन बढ़ाकर 24 तक कर दी गई है। सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक प्रदर्शनी देखी जा सकती है। सुरक्षा के चलते दर्शकों को अपना फोटोयुक्त पहचान पत्र लाना अनिवार्य होगा। इसके अतिरिक्त 29 फरवरी तक राजभवन की बगिया का अवलोकन भी किया जा सकेगा। सुबह आठ से शाम आठ बजे तक राजभवन की वाटिका देखी जा सकती है। राज्यपाल की ओर से प्रतिभागियों को पुरस्कृत किया गया। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल हेमंत राव, प्रमुख सचिव उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण बीएल मीणा, मंडलायुक्त मुकेश मेश्राम, निदेशक उद्यान एवं खाद्य प्रसंस्करण डॉ.एसबी शर्मा, संयुक्त निदेशक डॉ. एपी सिंह व राजकीय उद्यान आलमबाग अधीक्षक डॉ. जेआर वर्मा समेत कई अधिकारी मौजूद थे। 

597 को मिला प्रथम पुरस्कार

प्रादेशिक फल एवं शाकभाजी प्रदर्शनी में राजभवन को सभी श्रेणियों में सर्वाधिक पुरस्कार दिया गया। 49 श्रेणियों में 629 वर्गों में प्रतियोगिता हुई। 2100 प्रतिभागियों में 597 को पहला पुरस्कार मिला तो 609 को दूसरा और 577 को तीसरा पुस्कार मिला। जन शिक्षण संस्थान कानपुर रोड को भगवान बुद्ध पर आधारित आकृति बनाने के लिए सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिए तीन हजार का नकद पुरस्कार मिला। एचएएल के जनार्दन तिवारी को सर्वश्रेष्ठ गुलाब का पुरस्कार मिला। बच्चों के सजावटी प्रदर्शन में रियांशी, प्रशंसा, प्रतीक, कर्णिका, निहाल, देवीशी, प्रशस्ति व अनुराधा मिश्रा को पुरस्कृत किया गया। प्रदर्शनी में नगर निगम, लखनऊ विकास प्राधिकरण, उद्यान विभाग के अलावा कई सरकारी और निजी संस्थानों को पुरस्कृत किया गया। वहीं, शहर के युवा शहद उत्पादक डॉ. नितिन सिंह को पहला पुरस्कार दिया गया। उधर, रेड ब्रिगेड की ओर से लगे कटहल प्वाइंट के स्टॉल पर लोगों ने कटहल से बने व्यंजनों को लुत्फ उठाया।  


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