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UP की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की ZOO की सैर, लोगों से बातचीत कर दी ये नसीहत Lucknow News

लखनऊ स्थित नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान की सैर करने पहुंची यूपी की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल। लोगों से बोलीं बच्चे के हाथ में किताबें अच्‍छी लगती हैं मोबाइल नहीं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 29 Dec 2019 01:23 PM (IST)Updated: Mon, 30 Dec 2019 08:37 AM (IST)
UP की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की ZOO की सैर, लोगों से बातचीत कर दी ये नसीहत Lucknow News
UP की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने की ZOO की सैर, लोगों से बातचीत कर दी ये नसीहत Lucknow News

लखनऊ, जेएनएन। उत्‍तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रविवार सुबह नवाब वाजिद अली शाह प्राणी उद्यान पहुंची। राज्यपाल ने गोल्फ कार्ट में भ्रमण किया। साथ ही वहां घूमने आए लोगों के साथ बातचीत भी की। चिडिय़ाघर में एक चार साल का बच्चा अपने बाबा की गोद में बैठकर मोबाइल से खेल रहा था।

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यह देख राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि अरे वाह बड़ा प्यारा बच्चा है। क्या नाम है बेटा आपका? बच्चे ने अतुल्य त्यागी अपना नाम बताया। मैं अपने बाबा के साथ चिडिय़ाघर घूमने आया हूं। इस पर राज्यपाल ने बच्चे के बाबा को नसीहत देते हुए कहा कि बच्चे के हाथ में किताबें दें न कि मोबाइल। 

लगाया पारिजात का पेड़ 

दोपहर करीब 12 बजे राज्यपाल आनंदीबेन पटेल चिडिय़ाघर घूम पहुंच गईं। साथ में उनके ओएसडी की बेटी और कुछ अन्य लोग थे। इस दौरान हिरन, सफेद टाइगर, टाइगर और मगरमच्छ समेत अन्य जानवरों के बेड़ों के पास में जाकर देखा। उन्होंने शेर के बाड़े के पास पारिजात का एक पौधा लगाया। इस बीच उन्होंने चिडिय़ाघर में घूमने आयीं एक निजी कॉलेज की छात्रा आयुषी को रोकर बात भी की। राज्‍यपाल ने छात्रा से पूछा कि बेटा कैसा लगा यहां घूमकर। आयुषी अपनी सहेली के साथ आई थीं। आयुषी ने बताया कि मैम बहुत अच्छा। इसके बाद राज्यपाल ने कई बच्चों और उनके अभिभावकों से बातचीत की। उन्होंने अस्पताल देखा और फिर डायरेक्टर आरके सिंह के ऑफिस पहुंचीं। इस दौरान वन विभाग समेत चिडिय़ाघर के अन्य अधिकारी मौजूद रहें। 

चिडिय़ों की चहचहाट सुनकर कुछ हुईं राज्यपाल 

राज्यपाल पक्षी घर के पास थीं और चिडिय़ों की चहचहाट सुनकर बहुत खुश हुईं। उन्होंने कहा, देखों इनका चहचहाना कितना अच्छा लग रहा है। इस बीच उन्होंने डायरेक्टर से कहा कि यहां पर कोई ऐसा अत्याधुनिक उपकरण लगाएं, जिसमें यहां जितने भी पक्षी हैं उनकी आवाज हो। बारी-बारी से आवाजें यहां के पक्षियों की साउंड में सुनाई दें, जिससे बच्चे आवाज से ही यह पहचान सकें कि वह किस पक्षी की है।  

आओ बच्चों फोटो खिंचाते हैं 

चिडिय़ाघर घूमने के बाद जब राज्यपाल बैटरी रिक्शे से बाहर निकल रही थीं तो गेट के पास अभिभावकों के साथ कई बच्चे दिखाई दिए। इस पर उन्होंने चालक से रिक्शा रुकवाया और बोली आओ बच्चों फोटो खिंचवाते हैं। कुछ बच्चे राज्यपाल को पहचान रहे थे कुछ नहीं पर सब बच्चे उनके रिक्शे के पास पहुंचे और फोटो खिंचाई। 


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