शिक्षामित्रों को टीईटी से छूट की मांग करेगी सरकार
शिक्षामित्रों के समायोजन को हाई कोर्ट की ओर से अवैध ठहराये जाने के बाद राज्य सरकार अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने का आग्रह करने जा रही है। इस सिलसिले में जल्द ही मुख्य सचिव की ओर से एनसीटीई को
लखनऊ। शिक्षामित्रों के समायोजन को हाई कोर्ट की ओर से अवैध ठहराये जाने के बाद राज्य सरकार अब राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) से शिक्षामित्रों को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) से छूट देने का आग्रह करने जा रही है। इस सिलसिले में जल्द ही मुख्य सचिव की ओर से एनसीटीई को अनुरोध पत्र भेजने की तैयारी है।
मंगलवार को इस मुद्दे पर बेसिक शिक्षा मंत्री राम गोविंद चौधरी की अध्यक्षता में विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक हुई। बैठक में एनसीटीई को राज्य सरकार की ओर से भेजे जाने वाले अनुरोध पत्र के प्रारूप पर विस्तार से चर्चा हुई। बेसिक शिक्षा विभाग ने एनसीटीई को भेजे जाने वाले अनुरोध पत्र का मजमून तैयार कर उसे मुख्य सचिव को भेज दिया है। अनुरोध पत्र में शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाने के लिए उन्हें टीईटी से छूट दिये जाने की मांग की गई है। एनसीटीई को याद दिलाया गया है कि शिक्षामित्र प्रशिक्षित शिक्षक हैं। उन्हें जनवरी 2011 में एनसीटीई की मंजूरी के बाद ही दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से दो वर्षीय बीटीसी प्रशिक्षण दिया गया है। शिक्षामित्रों के समायोजन के सिलसिले में राज्य सरकार द्वारा संबंधित नियमावलियों में किए गए संशोधनों का हवाला भी अनुरोध पत्र में दिया गया है।
शिक्षामित्रों के मसले पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय से बातचीत करने के लिए बेसिक शिक्षा मंत्री बुधवार को नई दिल्ली जाएंगे। हालांकि हाई कोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देने के विकल्प को भी राज्य सरकार टटोल रही है। इस बारे में बेसिक शिक्षा विभाग ने न्याय विभाग से विधिक परामर्श मांगा है। उधर हाई कोर्ट के आदेश के बाद शिक्षामित्रों की स्थिति जानने के बारे में बेसिक शिक्षा विभाग को मंगलवार को न्याय विभाग की सलाह मिलने का इंतजार रहा।