Move to Jagran APP

सरकारी डॉक्टरों को 20 फीसद NPA देने की तैयारी, जानें क्‍या है इसका गणित

एनपीए के साथ कई अन्य मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टरों ने एक अक्टूबर को अपने सफेद कोट पर काला फीता बांधकर विरोध दर्ज कराने का कार्यक्रम बनाया है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 30 Sep 2018 03:58 PM (IST)Updated: Sun, 30 Sep 2018 03:58 PM (IST)
सरकारी डॉक्टरों को 20 फीसद NPA देने की तैयारी, जानें क्‍या है इसका गणित

लखनऊ (जेएनएन)। प्रदेश के सरकारी डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस न करने के लिए 35 फीसद नॉन प्रैक्टिसिंग एलाउंस (एनपीए) मांग रहे हैं, जबकि राज्य सरकार उन्हें केवल 20 फीसद भत्ता देने की तैयारी कर रही है। स्वास्थ्य महानिदेशालय ने इसका प्रस्ताव सरकार को भेज दिया है। प्रांतीय चिकित्सा सेवा (पीएमएस) संवर्ग ने इस पर असंतोष जताया है। एनपीए के साथ कई अन्य मांगों को लेकर सरकारी डॉक्टरों ने एक अक्टूबर को अपने सफेद कोट पर काला फीता बांधकर विरोध दर्ज कराने का कार्यक्रम बनाया है।

loksabha election banner

31, दिसंबर 2015 तक छठे वेतन आयोग के तहत सरकारी डॉक्टरों को मूल वेतन का 25 फीसद एनपीए मिल रहा था। एक जनवरी, 2016 से लागू सातवें वेतन आयोग में डॉक्टर इसे बढ़ाकर 35 फीसद किए जाने की मांग कर रहे थे लेकिन, जिस तरह केंद्र सरकार ने छठे वेतनमान के 25 फीसद एनपीए को सातवें वेतनमान में घटाकर 20 फीसद कर दिया, उसी तर्ज पर अब राज्य सरकार भी सातवें वेतनमान में इसी दर पर एनपीए देने के मूड में है। पीएमएस एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ.अशोक कुमार यादव ने कहा कि राज्य सरकार ने जबरन सेवाकाल बढ़ाकर स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति (वीआरएस) का अधिकार भी छीन लिया है। उस पर अस्पतालों में संविदा से भर्ती कर खड़ी की गई दोहरी व्यवस्था ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी हैं। जरूरत पड़ी तो अधिकारों के लिए एसोसिएशन न्यायालय का भी दरवाजा खटखटाएगी।

यह है एनपीए का गणित

किसी डॉक्टर का मूल वेतन यदि छठे वेतनमान के तहत 50 हजार था तो उसे 25 फीसद एनपीए के हिसाब से 12,500 और इस पर सौ फीसद महंगाई भत्ता जोड़कर कुल 25 हजार 31 दिसंबर, 2015 तक मिल रहे थे। एक जनवरी, 2016 से सातवां वेतनमान लागू हुआ तो महंगाई भत्ता खत्म हो गया। इससे एनपीए की रकम 25 हजार से घटकर 12,500 पर आ गई। राज्य सरकार ने एनपीए पर निर्णय होने तक इस रकम को फ्रीज कर दिया। उधर छठे वेतनमान के 50 हजार के मूल वेतन में सौ फीसद महंगाई भत्ते को जोड़कर सातवें वेतनमान में मूल वेतन को करीब 1.15 लाख कर दिया गया। अब यदि इस पर 20 फीसद एनपीए दिया जाएगा तो यह रकम 23 हजार होगी। वर्ष 2015 तक एनपीए और इसके महंगाई भत्ते को शामिल कर मिलने वाले 25 हजार रुपये के मुकाबले यह रकम कम होगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.