भारी चालान से राहत दे सकती है सरकार, पर सुरक्षा के मामले में समझौता नहीं lucknow news
प्रदेश में शमन शुल्क दर कम किए जाने की है उम्मीद। अन्य राज्यों से भी चर्चा कसरत में जुटा परिवहन विभाग।
लखनऊ, जेेेेेेएनएन। यातायात नियमों का पालन सख्ती से कराने के लिए केंद्र सरकार ने मोटर व्हीकल एक्ट में जुर्माने की राशि कई गुना बढ़ा दी है। इसे लेकर वाहन चालकों के होश फाख्ता हैं और हर तरफ इस फैसले की आलोचना भी हो रही है। इन स्थितियों में प्रदेश सरकार चालान की भारी-भरकम राशि से जनता को राहत दे सकती है।
इस माह की शुरुआत से केंद्र सरकार का संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट लागू हो चुका है। अब इस कानून में चालान की राशि कई गुना बढ़ा दी गई है। चूंकि कानून केंद्र सरकार का है, इसलिए इसमें कोई बदलाव कोई राज्य नहीं कर सकता है लेकिन, राज्य सरकार के पास शमन शुल्क की राशि अपनी मर्जी से तय करने का अधिकार है।
संभवत: सरकार से ही इशारा मिला है, जिसके आधार पर परिवहन विभाग ने शमन शुल्क में संशोधन करते हुए कम करने की कवायद शुरू कर दी है। विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अन्य राज्यों में भी शमन शुल्क नए सिरे से तय करने की तैयारी चल रही है। वहां के अधिकारियों से भी चर्चा की गई है। उसके बाद प्रस्तावित सूची बनाकर सरकार को भेजी जाएगी। सहमति बनने के बाद उसे कैबिनेट में मंजूर कराया जाएगा।
सुरक्षा के मामले में नहीं होगा समझौता
विभागीय अधिकारियों ने बताया कि शमन शुल्क की दरों में राहत का प्रयास भले ही है लेकिन, इसमें सुरक्षा के मामले में समझौता नहीं किया जाएगा। ऐसी गलतियों के दंड में शमन शुल्क बिल्कुल कम नहीं किया जाएगा, जो स्वयं वाहन चालक या अन्य के लिए घातक हों। इसके अलावा रेड लाइट के उल्लंघन पर भी राहत नहीं मिलेगी, क्योंकि इसमें परिवहन विभाग के पास शमन का अधिकारी ही नहीं है।
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