फिसड्डी बिजली कंपनियों को दे दिया 1527 करोड़ का लाभ
परिषद अध्यक्ष ने बिजली अक्षमता के लिए बिजली कंपनियों के प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सख्त कदम उठाने की मांग की है।
लखनऊ (राज्य ब्यूरो)। उपभोक्ताओं की दरों में बेतहाशा वृद्धि करने वाली पावर कारपोरेशन की वितरण कंपनियां कई मानकों पर देश की अन्य सरकारी वितरण कंपनियों के मुकाबले फिसड्डी साबित हुई हैं। कारपोरेशन द्वारा कराई गई बेंच मार्क स्टडी की यह रिपोर्ट आने के बाद उपभोक्ता संगठनों ने रिटर्न ऑफ इक्विटी के तहत उप्र विद्युत नियामक आयोग द्वारा प्रदेश की वितरण कंपनियों को 1527 करोड़ रुपये का लाभ दिए जाने और इसका बोझ उपभोक्ताओं पर डालने को लेकर सवाल उठाए हैं।
उप्र राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने बताया कि पावर कारपोरेशन द्वारा कराई गई बेंच मार्क स्टडी में औसत बिजली खरीद की दर, लाइन हानि, ओएंडएम, गैप और कलेक्शन एफीशिएंसी के मानकों पर प्रदेश की कंपनियां अन्य राज्यों की कंपनियों के मुकाबले पीछे नजर आ रही हैं।
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इसमें देश की कुल 33 सरकारी बिजली कंपनियों को मानकों पर कसा गया है। परिषद अध्यक्ष ने बिजली अक्षमता के लिए बिजली कंपनियों के प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से सख्त कदम उठाने और बिजली दर बढ़ोतरी को वापस लेने की मांग की है।
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