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यूपी के सात पिछड़े जिलों के महाविद्यालयों को मिलेंगे टैबलेट, बिना इंटरनेट के भी उपयोग कर सकेंगे विद्यार्थी

यूपी की योगी सरकार राज्य के सात पिछड़े जिलों के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रीलोडेड अध्ययन सामग्री के साथ टैबलेट प्रदान करेगी। जिन जिलों में ये टैबलेट दिए जाएंगे उनमें श्रावस्ती चंदौली सोनभद्र सिद्धार्थनगर बलरामपुर फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं।

By Umesh TiwariEdited By: Published: Tue, 22 Dec 2020 07:15 PM (IST)Updated: Wed, 23 Dec 2020 07:39 AM (IST)
यूपी के सात पिछड़े जिलों के महाविद्यालयों को मिलेंगे टैबलेट, बिना इंटरनेट के भी उपयोग कर सकेंगे विद्यार्थी
योगी सरकरा पिछड़े जिलों के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रीलोडेड अध्ययन सामग्री के साथ टैबलेट देगी।

लखनऊ, जेएनएन। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार राज्य के सात पिछड़े जिलों के सरकारी कॉलेजों में दाखिला लेने वाले छात्रों को प्रीलोडेड अध्ययन सामग्री के साथ टैबलेट प्रदान करेगी। जिन जिलों में ये टैबलेट दिए जाएंगे, उनमें श्रावस्ती, चंदौली, सोनभद्र, सिद्धार्थनगर, बलरामपुर, फतेहपुर और चित्रकूट शामिल हैं। इन टैबलेट को कॉलेज की लाइब्रेरी में रखा जाएगा और पुस्तकों की तरह छात्रों को जारी किया जाएगा।

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उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि उच्च शिक्षा विभाग ने इन जिलों के 18 सरकारी कॉलेजों में 160 टैबलेट खरीदने का फैसला किया है। प्रदेश के सात आकांक्षी जिलों के राजकीय महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में टैबलेट वितरित किए जाएंगे। विद्यार्थियों को पुस्तकालय से पुस्तकों की तरह टैबलेट भी निर्धारित समय अवधि के लिए आवंटित किए जाएंगे। विद्यार्थी बिना इंटरनेट सुविधा के भी इन टैबलेट का उपयोग कर सकेंगे।

उप मुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने बताया कि बहराइच, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, चित्रकूट, फतेहपुर, सोनभद्र और चंदौली जिले के राजकीय महाविद्यालयों में आठ से नौ टैबलेट दिए जाएंगे। यह निर्णय नई शिक्षा नीति (एनईपी) के अनुरूप है जो शिक्षा के लिए तकनीत के उपयोग और एकीकरण पर जोर देता है। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसका उद्देश्य नागरिकों को डिजिटल रूप से सशक्त बनाना है।

उच्च शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव मोनिका एस गर्ग ने बताया कि टैबलेट में उत्तर प्रदेश डिजिटल लाइब्रेरी की पाठ्य सामग्री के साथ अन्य आवश्यक सामग्री भी उपलब्ध रहेगी। कोरोना संक्रमण के कारण इस वर्ष ऑनलाइन पढ़ाई पर ही जोर दिया गया है। इन सात जिलों में इंटरनेट सुविधाओं और विद्यार्थियों के पास संसाधनों का अभाव होने के कारण टैबलेट उपलब्ध कराए जा रहे हैं। 

मोनिका एस गर्ग ने बताया किये जिले शिक्षा, स्वास्थ्य और पोषण, कृषि, जल संसाधन और बुनियादी ढांचे जैसे मापदंडों पर पिछड़े हुए हैं। यहां के 18 सरकारी कॉलेजों में से प्रत्येक को शैक्षणिक सत्र 2020-21 के दौरान आछ-9 टैबलेट दिए जाएंगे। प्रत्येक टैबलेट में 10 इंच की स्क्रीन होगी और इसकी गुणवत्ता उच्च स्तर की होगी ताकि छात्रों की दृष्टि पर इसका कोई प्रतिकूल प्रभाव न हो।


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