गोमती रिवरफ्रंट घोटाला : आखिर किसके इशारे पर चहेतों को दिए गए थे ठेके, सीबीआइ ने की लंबी पूछताछ
सीबीआइ ने रूप सिंह यादव से उसके आकाओं के बारे में भी जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया। जांच एजेंसी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में अधीक्षण अभियंता व वरिष्ठ सहायक के स्तर पर इतने बड़े फैसले कैसे लिए गए।
लखनऊ, जेएनएन। सपा शासनकाल में हुए गोमती रिवरफ्रंट घोटाले में करोड़ों रुपये के ठेके बिना टेंडर नोटिस जारी किए ही आखिर किसके दबाव में आवंटित हुए थे। सीबीआइ अब इस अहम सवाल की तह तक पहुंचने का प्रयास कर रही है। इस मामले में गुरुवार को गिरफ्तार किए गए आरोपित ङ्क्षसचाई विभाग के तत्कालीन अधीक्षण अभियंता रूप सिंह यादव व वरिष्ठ सहायक राजकुमार से सीबीआइ ने शनिवार को अलग-अलग सिलसिलेवार पूछताछ की।
सीबीआइ ने रूप सिंह यादव से उसके आकाओं के बारे में भी जानकारी हासिल करने का प्रयास किया गया। जांच एजेंसी के सामने सबसे बड़ा सवाल यही है कि इतने बड़े प्रोजेक्ट में अधीक्षण अभियंता व वरिष्ठ सहायक के स्तर पर इतने बड़े फैसले कैसे लिए गए। पूरे प्रोजेक्ट की मानिटरिंंग कर रहे वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी भनक कैसे नहीं लगी। इसके लिए अब ठेकों के आवंटन व काम हासिल करने वाली फर्माें की भी सिलसिलेवार छानबीन शुरू की गई है। आरोपित रूप सिंह यादव व राजकुमार से ट्रंक ड्रेन, रबर डैम, डायाफ्राम वॉल व कुछ अन्य कार्यों के आवंटन की पूरी प्रकिया व उससे जुड़े रहे अधिकारियों व उनकी भूमिका के बारे में पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक, दोनों के सामने कुछ ठेकेदारों को काम देने के लिए इस्तेमाल किए गए कुछ फर्जी दस्तावेज भी रखे गए। उल्लेखनीय है कि इस प्रकरण में जांच के बाद तत्कालीन मुख्य अभियंता गोलेश चंद्र, एसएन शर्मा, काजिम अली और अधीक्षण अभियंता शिवमंगल यादव, अखिल रमन, कमलेश्वर सिंह, रूप सिंह यादव व अधिशासी अभियंता सुरेश यादव के विरुद्ध नामजद एफआइआर दर्ज कराई गई थी। माना जा रहा है कि जल्द ही अन्य आरोपितों पर भी शिकंजा कसेगा।
तत्कालीन विभागीय मंत्री का करीबी था रूप सिंह यादव
गोमती रिवरफ्रंट तत्कालीन मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का ड्रीम प्रोजेक्ट था। सपा सरकार में गोमती रिवरफ्रंट का निर्माण कार्य जब आरंभ हुआ था तब तत्कालीन सिंंचाई मंत्री शिवपाल ङ्क्षसह यादव थे। सूत्र बताते हैं कि रूप सिंंह यादव तत्कालीन विभागीय मंत्री के करीबी अफसरों में एक था। ध्यान रहे, सीबीआइ लखनऊ की एंटी करप्शन ब्रांच ने 30 नवंबर, 2017 को गोमती रिवरफ्रंट घोटाले का केस दर्ज किया था और इस मामले में गुरुवार को रूप सिंंह यादव व राजकुमार को गिरफ्तार किया था। सीबीआइ ने दोनों को शुक्रवार को कोर्ट में पेश किया था। कोर्ट की अनुमति पर दोनों को चार दिनों की पुलिस कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है।