राज्य कर्मियों की यात्राओं के लिए यात्रा भत्ता अब दोगुना, दरें तत्काल प्रभाव से लागू
कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद यात्रा भत्ता की दैनिक दरें दोगुनी कर दी गई हैं। यह पुनरीक्षित दरें तत्काल प्रभाव से लागू की गई हैं।
लखनऊ, जेएनएन। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के क्रम में प्रदेश सरकार ने राज्य कर्मचारियों के लिए यात्रा भत्ते (टीए) की दरों को पुनरीक्षित कर दिया है। कैबिनेट की हरी झंडी मिलने के बाद यात्रा भत्ता की दैनिक दरें दोगुनी कर दी गई हैं। यह पुनरीक्षित दरें तत्काल प्रभाव से लागू की गई हैं।
इस सिलसिले में कैबिनेट के फैसले के बाद वित्त विभाग ने शासनादेश जारी कर दिया है। यात्राओं के लिए अधिकृत श्रेणियों में कोई बदलाव नहीं किया गया है। शासनादेश के मुताबिक शासकीय यात्राओं के दौरान सरकारी गेस्ट हाउस व सर्किट हाउस में ठहरने पर राजकीय कर्मचारी को उसके लिए अनुमन्य दैनिक भत्ते का 20 प्रतिशत या गेस्ट हाउस व सर्किट हाउस के कमरे व सुईट का किराया, दोनों में जो कम हो, के बराबर धनराशि का भुगतान किया जाएगा।
लोक निर्माण विभाग, राज्य संपत्ति विभाग और अन्य संबंधित प्रशासकीय विभाग के लिए अपने अधीनस्थ संचालित गेस्ट हाउस व सर्किट हाउस के लिए आवश्यक आदेश जारी होंगे।
शासन में तैनात विशेष सचिव वायुयान के इकोनॉमी क्लास में यात्रा के लिए हकदार होंगे, चाहे वे वेतन मैट्रिक्स के किसी भी लेवल में कार्यरत हों।
सरकारी सेवकों को ग्रेड वेतन के आधार पर यात्राओं के लिए अनुमन्य आनुषंगिक व्यय (इंसिडेंटल चार्जेज) की वर्तमान में लागू दरें भी दोगुनी की गई हैं। मैट्रिक लेवल में लेवल-9 व उच्च लेवल के लिए अनुषांगिक व्यय की दर अब 70 पैसे प्रति किलोमीटर होगी। लेवल-5 से 8 तक के लिए यह 50 पैसे और लेवल-5 से कम के लिए 30 पैसे प्रति किलोमीटर होगी।
सरकारी कर्मचारी का एक से दूसरे जिले में तबादला होने पर उन्हें एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान दिये जाने की व्यवस्था है। वहीं जिले के अंदर एक से दूसरे स्थान पर स्थानांतरण होने पर पैकिंग भत्ता दिया जाता है। अभी तक राज्य कर्मचारियों को एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान मूल वेतन का 50 प्रतिशत दिया जाता था। अब उसे मूल वेतन का 40 प्रतिशत कर दिया है। लेकिन सातवें वेतनमान में मूल वेतन के 2.57 गुणा होने पर असलियत में एकमुश्त स्थानांतरण अनुदान भी दोगुना हो गया है। वहीं लेवल-6 व इससे उच्च स्तर के लिए पैकिंग भत्ते की दर 3000 रुपये निर्धारित की गई है। लेवल-6 से कम लेवल के लिए पैकिंग भत्ते की दर 1500 रुपये तय की गई है।
गौरतलब है कि राजकीय कर्मचारियों के लिए अनुमन्य यात्रा भत्ता की वर्तमान दरें 31 मार्च 2011 से लागू हैं। वहीं सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य कर्मचारियों के लिए पुनरीक्षित वेतन मैट्रिक्स पहली जनवरी 2016 से लागू है।
'क' वर्ग के नगर
कानपुर, लखनऊ, आगरा, वाराणसी, इलाहाबाद, मेरठ, नोएडा क्षेत्र (गौतम बुद्ध नगर) व गाजियाबाद।
'ख' वर्ग के नगर
मुरादाबाद, अलीगढ़, झांसी, सहारनपुर, मथुरा, रामपुर, मीरजापुर, शाहजहांपुर, फैजाबाद, फीरोजाबाद, मुजफ्फरनगर और फर्रुखाबाद।
राज्य कर्मियों को बढ़ा डीए देने की फाइल मुख्यमंत्री को भेजी
केंद्र सरकार की ओर से अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता (डीए) तीन फीसद बढ़ाये जाने के बाद प्रदेश के 18 लाख राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों का डीए भी जल्द बढ़ सकता है। वित्त विभाग ने राज्य कर्मचारियों व शिक्षकों का डीए जनवरी 2019 से नौ से बढ़ाकर 12 प्रतिशत करने के बारे में फाइल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी के लिए भेज दी है। उम्मीद जतायी जा रही है कि लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लागू होने से पहले सरकार अपने कर्मचारियों को बढ़े डीए का लाभ देने का आदेश जारी कर सकती है। राज्य कर्मचारियों को बढ़े डीए का नकद भुगतान अप्रैल में मार्च के वेतन के साथ हो सकता है।
केंद्रीय कैबिनेट ने पिछले महीने अपने कर्मचारियों का महंगाई भत्ता पहली जनवरी से तीन फीसद बढ़ाने का फैसला किया था। कर्मचारियों को अभी तक मूल वेतन के नौ फीसद की दर से डीएम मिल रहा था। महंगाई भत्ते के मामले में राज्य की केंद्र से समानता है। इस बार लोकसभा चुनाव को देखते हुए राज्य सरकार भी अपने लाखों कर्मचारियों को खुश करने के लिए उन्हें यह लाभ पिछले वर्षों की तुलना में जल्दी देने की इच्छुक है। अमूमन जनवरी मे बढऩे वाला डीए राज्य कर्मचारियों को मई-जून में मिलता था लेकिन, इस बार वित्त विभाग ने इस बाबत पत्रावली मुख्यमंत्री कार्यालय को भेज दी है। संभावना जतायी जा रही है कि राज्य सरकार इस बारे में जल्द फैसला लेगी। डीए वृद्धि पर तकरीबन 1500 करोड़ रुपये का वार्षिक खर्च अनुमानित है। राज्य सरकार ने अगले वित्तीय वर्ष के बजट में डीए को 15 फीसद तक होने का अनुमान लगाते हुए संसाधनों का इंतजाम किया है।
अखिल भारतीय सेवाओं के अफसरों को जनवरी से 12 फीसद डीए
राज्य सरकार ने अखिल भारतीय सेवाओं (आइएएस, आइपीएस व आइएफएस) के अफसरों का महंगाई भत्ता जनवरी, 2019 से नौ से बढ़ाकर 12 फीसद कर दिया है। वित्त विभाग ने इस बारे में शासनादेश जारी कर दिया है।