UP News: स्टांप ड्यूटी से छूट मिलते ही गिफ्ट डीड के टूटे रिकार्ड, 7 गुणा बढ़े अचल संपत्ति के पंजीकरण
UP News यूपी में 18 जून से रक्त संबंधियों के बीच मात्र पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी से ही दान विलेख के माध्यम से संपत्ति हस्तांतरण की योजना लागू है। 27 सितंबर तक 130596 दानपत्र पंजीकृत हुए हैं जिससे विभाग को 449 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई।
UP News: लखनऊ, राज्य ब्यूरो। भारी-भरकम स्टांप ड्यूटी से छूट मिलते ही प्रदेशवासियों ने दान विलेख (गिफ्ट डीड) पंजीकृत कराने के रिकार्ड तोड़ दिए हैं। स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल के मुताबिक मात्र तीन माह में ही 1.30 लाख दान विलेख पंजीकृत हुए हैं। अचल संपत्ति पंजीकरण सात गुणा बढ़ने से सरकार को भी 449 करोड़ रुपये राजस्व मिला है।
बुधवार को विधान भवन में पत्रकारों से बातचीत में स्टांप एवं पंजीयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि पारिवारिक सदस्यों के बीच अचल संपत्तियों को हस्तानांतरित करने के लिए भी पहले छह-सात प्रतिशत स्टांप ड्यूटी लगने से ज्यादातर परिवार के मुखिया अपनी संपत्ति के संबंध में वसीयत का ही सहारा लेते थे। चूंकि वसीयत मुखिया की मृत्यु के बाद ही प्रभावी होती थी इसलिए परिवारिक सदस्यों के बीच कई बार संपत्ति को लेकर विवाद व तनाव की स्थिति पैदा होने से मामले कोर्ट तक पहुंचते रहे हैं।
विभाग को 449 करोड़ रुपये की आय हुई प्राप्त
मंत्री रवीन्द्र जायसवाल के अनुसार 18 जून से रक्त संबंधियों के बीच मात्र पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी से ही दान विलेख के माध्यम से संपत्ति हस्तांतरण की योजना लागू है। 27 सितंबर तक प्रदेशभर में 1,30,596 दानपत्र पंजीकृत हुए हैं जिससे विभाग को 449 करोड़ रुपये की आय प्राप्त हुई।
वसीयतों के पंजीकरण की संख्या घटी
मंत्री ने बताया कि पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 20,867 दानपत्र पंजीकृत हुए थे और 230 करोड़ रुपये की आय ही हुई थी। दानपत्र विलेख में पांच हजार रुपये ही स्टांप ड्यूटी लगने से पिछले तीन माह के दौरान वसीयतों के पंजीकरण की संख्या घटी है।
यूपी में सबसे अधिक दान विलेखों को पंजीकरण
मंत्री ने दावा किया कि उत्तर प्रदेश, देश में पहला राज्य है जिसमें इतनी अधिक संख्या में दान विलेखों को पंजीकृत कराया गया है। इससे विवाद घटे। परिवारों में सौहार्दपूर्ण वातावरण स्थापित होने के साथ ही यूं ही पड़ी संपत्तियों के माध्यम से व्यवसाय तथा रोजगार भी बढ़ रहा है जिससे प्रदेश की अर्थव्यवस्था एक ट्रिलियन डालर बनाने में भी विभाग योगदान दे रहा है।