त्वरित न्याय की प्रतिमूर्ति बन गए थे जनरल बिपिन रावत, लखनऊ में सुलझाया था दो ले. जनरल का विवाद
लखनऊ में तैनात रहे दो मेजर जनरल के खिलाफ जनरल रावत ने कड़ी कार्रवाई की। जबकि शीर्ष दो ले. जनरल के बीच उपजे विवाद का हल भी लखनऊ में कराया। मेजर जनरल डॉ. सुभाष चंद्र के विरूद्व एक एनसीसी कैडेट ने अश्लील मैसेज मोबाइल फोन पर भेजने की शिकायत की।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। Bipin Rawat Death News: सेना को आधुनिक बनाने के लिए जनरल रावत ने कई तरह का प्रयोग किया। मिलिट्री फार्म को बंद कर बताया कि सेना का काम दूध का नहीं है। ईएमई, पोस्टल जैसी कोर को भी बंद कर सेना को आधुनिक बनाने की दिशा में बड़ा काम किया। मध्य कमान को जवानों की ट्रेनिंग काे आधुनिक बनाने में अहम भूमिका निभायी। साथ ही जनरल बिपिन रावत त्वरित इंसाफ के लिए भी जाने जाते थे।
लखनऊ में तैनात रहे दो मेजर जनरल के खिलाफ जनरल रावत ने कड़ी कार्रवाई की। जबकि शीर्ष दो ले. जनरल के बीच उपजे विवाद का हल भी लखनऊ में कराया। गुजरात एनसीसी के एडीजी रहे मेजर जनरल डॉ. सुभाष चंद्र के विरूद्व एक एनसीसी कैडेट ने अश्लील मैसेज मोबाइल फोन पर भेजने की शिकायत की। मेजर जनरल डॉ. सुभाष यूपी एनसीसी के एडीजी बने तो सेना की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी शुरू हुई। इस बीच उनको सेना भर्ती मुख्यालय से संबद्ध कर दिया गया। जांच में दोषी पाए जाने के बाद मेजर जनरल सुभाष चंद्र को सेवामुक्त कर दिया गया था। इसके अलावा एक जीओसी के खिलाफ बंगले के निर्माण की गलत तरीके से अनुमति दिए जाने की जांच के आदेश भी जनरल बिपिन रावत ने दिए।
सेवानिवृत्ति के बाद भी मेजर जनरल रैंक के इस अधिकारी के खिलाफ दानापुर में कोर्ट ऑफ इंक्वायारी और समरी ऑफ एविडेंस की कार्रवाई पूरी की गई। दक्षिणी पश्चिमी कमान के सेनाध्यक्ष ले. जनरल आलोक कलेर और स्टाफ अध्यक्ष ले. जनरल केके रेप्सवाल के बीच अधिकारों को लेकर सात महीने तक विवाद रहा। राजस्थान और पंजाब सीमा पर डटे 1.30 लाख जवानों वाली इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन कमान का काम प्रभावित न हो। इसके लिए जनरल बिपिन रावत ने लखनऊ में तत्कालीन मध्य कमान सेनाध्यक्ष इकरूप सिंह घूमन को जांच के आदेश दिए। दोनों ले. जनरल की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी के बाद इस मामले का हल निकल सका था।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त थे जनरल रावत, दो मेजर जनरल के खिलाफ की थी कार्रवाई : जनरल बिपिन रावत ने दो मेजर जनरल रैंक के अधिकारियों के खिलाफ उनकी लखनऊ में तैनाती के समय बड़ी कार्रवाई की। गुजरात एनसीसी में एडीजी रहते हुए मेजर जनरल सुभाष चंद्रा