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गणेश विसर्जन यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, देर शाम तक लगा रहा मेला

रविवार को झूलेलाल घाट, कुडिय़ा घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर और शहीद स्मारक पर नजर आया। पूजन कर विधि विधान से प्रतिमाओं को गोमती के जल में प्रवाहित किया गया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 23 Sep 2018 06:34 PM (IST)Updated: Sun, 23 Sep 2018 10:03 PM (IST)
गणेश विसर्जन यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, देर शाम तक लगा रहा मेला
गणेश विसर्जन यात्रा में उमड़े श्रद्धालु, देर शाम तक लगा रहा मेला

जागरण संवाददाता, लखनऊ। गणपति बप्पा मोरिया अगली बरस तू जल्दी आ... से गुंजायमान वातावरण, उड़ता रंग बिरंगा गुलाल, ढोल ताशे पर थिरकते श्रद्धालु और घाटों पर विसर्जन की बारी का इंतजार करने लोग। कुछ ऐसा ही वातावरण रविवार को झूलेलाल घाट, कुडिय़ा घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर और शहीद स्मारक पर नजर आया। पूजन कर विधि विधान से प्रतिमाओं को गोमती के जल में प्रवाहित किया गया। भगवान शिव और मां पार्वती के स्वरूप को प्रथम पूज्यदेव में निहारते श्रद्धालुओं का जमावड़ा सड़कों पर नजर आ रहा था।

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शोभायात्रा में उड़ता गुलाल और गणपति बप्पा के जयकारे माहौल को भक्ति से सराबोर कर रहे थे। नौबस्ता के श्रीराम लीला ग्राउंड में श्री सिद्धि विनायक जन्मोत्सव का शोभायात्रा के साथ समापन हुआ। कटरा मकबूलगंज में महाराष्ट्र समाज की ओर से आयोजित गणेशोत्सव पूजा समिति, पत्रकारपुरम पूजा समिति के अलावा फैजाबाद रोड स्थित बीबीडी परिसर, ज्ञानेश्वर ओम मंदिर नरही में पूजन व आरती के साथ शोभायात्रा निकाली गई। श्री बालेश्वर ओम मंदिर में ढोल ताशे के साथ झूलेलाल घाट तक विसर्जन शोभायात्रा निकाली गई। आलमबाग के पूरननगर में आयोजित गणेशोत्सव के संयोजक उमेश श्रीवास्तव के अगुआई में शोभायात्रा निकाली गई।

कार और रिक्शे से आए गजानन

प्रतिमा विसर्जन के दौरान आस्था और विस्वास का नजारा आम हो गया था। प्रतिमाओं को कोई रथ पर लेकर आ रहा था तो कोई कार से घाट पर आ रहा था। पैदल और रिक्शे पर सवार श्रद्धालु भी गजानन को लेकर घाट पर पहुंचे और विसर्जन किया। कोई गजानन के कानों में अपनी मनौती बता रहा था तो कई उनके साथ सेल्फी ले रहा था।

मनौतियों के राजा का भूमि विजर्सन

झूलेलाल वाटिका में राजधानी के सबसे बड़े पूजा पंडाल में स्थापित मनौतियों के राजा का झूलेलाल वाटिका में ही भूमि विसर्जन किया गया। श्री गणेश प्राकट्य महोत्सव के सरंक्षक भारत भूषण गुप्ता ने बताया कि आदि गंगा गोमती के संरक्षण के लिए ऐसा किया गया। इससे पहले झूलेलाल वाटिका से गाजेबाजे के साथ शोभायात्रा निकाली गई। लखनऊ विवि रोड, आइटी चौराहा, निरालानगर रामकृष्ण मठ होते हुए यात्रा का झूलेलाल वाटिका में देर शाम समापन हुआ, जहां प्रतिमा को खोदे गए गड्ढे में विसर्जन किया गया। प्रतिमा के साथ श्रद्धालुओं की ओर से मनौतियों के लिए लिखी गईं 95 हजार चिट्ठियों को भी विसर्जित किया गया। वहीं झूलेलाल घाट पर विसर्जन के लिए खोदे गए गड्ढे में सिर्फ पूजन सामग्री प्रवाहित की गई। मुख्यमंत्री की फोटो का बोर्ड भी गड़ढे में प्रतिमा विसर्जन की अपील कर रहा था।

900 से अधिक प्रतिमाओं का विसर्जन

प्रशासन की ओर से प्रतिमाओं को गिनने की कोई व्यवस्था नहीं थी, लेकिन नाविकों के मुताबिक झूलेलाल घाट पर ही करीब छोटी बड़ी 500 प्रतिमाएं विसर्जित की गईं। कुडिय़ा, घाट, श्री खाटू श्याम मंदिर घाट, शहीद स्मारक समेत अन्य घाटों पर 400 से अधिक प्रतिमाएं विसर्जित की गई। विसर्जन के दौरान सुरक्षा के चलते नावों पर सवार पुलिस व गोताखोर भी मौजूद थे।

जयकारे के साथ लगा भंडारा

श्री गीतांजलि सेवा समिति नरही की ओर से हर वर्ष की भांति झूलेलाल घाट पर भंडारा लगाया गया। गणपति बप्पा मोरिया के जयकारे के साथ श्रद्धालुओं ने देर शाम तक बूंदी, हलवा, तहरी, कढ़ी चावल, पूड़ी सब्जी व छोला पूड़ी का प्रसाद ग्रहण किया।   


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