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Ayodhya Ram Mandir News: कई देशों में चलेगा निधि समर्पण अभियान, ट्रस्ट ने तेज की प्रक्रिया

यह अभियान तभी शुरू होगा जब विदेश से धन लेने की अनुमति ट्रस्ट को मिल जाएगी। इसके लिए पहले ट्रस्ट को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का प्रमाणपत्र हासिल करना होगा। ट्रस्ट इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 03 Mar 2021 09:08 PM (IST)Updated: Thu, 04 Mar 2021 08:08 AM (IST)
Ayodhya Ram Mandir News: कई देशों में चलेगा निधि समर्पण अभियान, ट्रस्ट ने तेज की प्रक्रिया
विदेश में निधि समर्पण अभियान चलाने को लेकर शुरू हुआ मंथन।

अयोध्या, [रमाशरण अवस्थी]। राम मंदिर निर्माण के लिए अब वैश्विक स्तर पर भी निधि समर्पण अभियान चलाने की तैयारी है। जल्द ही भारत की तर्ज पर पर विश्व के कई देशों में यह अभियान शुरू किया जा सकता है। इसको लेकर श्रीरामजन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट गंभीर है। ट्रस्ट के पदाधिकारी इस पर विमर्श शुरू कर चुके हैं। योजना आगे बढ़ी तो विहिप की अगुवाई में ही विश्व के अलग-अलग देशों में निवास कर रहे रामभक्तों तक रसीद व कूपन पहुंचाया जाएगा। साथ ही निधि समर्पण अभियान के लिए प्रेरित किया जाएगा। हालांकि, यह अभियान तभी शुरू होगा जब विदेश से धन लेने की अनुमति ट्रस्ट को मिल जाएगी। इसके लिए पहले ट्रस्ट को फॉरेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट का प्रमाणपत्र हासिल करना होगा। ट्रस्ट इसके लिए प्रक्रिया शुरू कर चुका है।

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देश में मकर संक्रांति से राममंदिर के लिए निधि समर्पण अभियान चला, जो परिपूर्ण हो गया। इसमें अब तक तकरीबन 24 सौ करोड़ प्राप्त हो चुके हैं। यहां चले निधि समर्पण अभियान के दौरान बार-बार विदेशी रामभक्त सहयोग देने का आग्रह कर रहे थे। समझा जाता है कि इसी वजह से ट्रस्ट ने इस दिशा में कार्य शुरू किया है।

55 देशों में है विहिप का संगठन

निधि समर्पण अभियान में अहम भूमिका अदा करने वाली विश्व हि‍ंदू परिषद का प्रसार विश्व के 55 देशों में है। इसी के माध्यम से वैश्विक स्तर के निधि समर्पण अभियान को संचालित करने की योजना बनाई जा रही है। इसमें संघ के सभी अनुषांगिक संगठन देश की तरह ही विदेश में भी सक्रिय भागीदारी निभाएंगे।

नई दिल्ली के एसबीआइ में खाता

सूत्रों के अनुसार यदि विदेश से मंदिर निर्माण में सहयोग लिया गया तो इसका खाता भी प्रविधान के अनुसार नई दिल्ली के भारतीय स्टेट बैंक में खोला जाएगा। इसी बैंक में अन्य देशों से प्राप्त होने वाली निधि को जमा किया जाएगा। 


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