UP News: पावर ऑफ अटॉर्नी से संपत्ति बेचने के अधिकार पर अब लगेगी पूरी स्टांप ड्यूटी, CM योगी से मिली हरी झंडी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पावर ऑफ अटॉर्नी की मौजूदा व्यवस्था में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई। इसके साथ ही सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पावर ऑफ अटॉर्नी पर लगी रोक हटाने का भी निर्णय किया है।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। पावर ऑफ अटॉर्नी डीड के जरिए अब संपत्ति बेचने का अधिकार देने पर रजिस्ट्री यानी विक्रय विलेख (सेल डीड) की तरह बाजार मूल्य (सर्किल रेट) के अनुसार स्टांप ड्यूटी देनी होगी। सिर्फ परिवार के सदस्यों के मामले में ही पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी लगेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में पावर ऑफ अटॉर्नी की मौजूदा व्यवस्था में संशोधन संबंधी प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई।
इसके साथ ही सरकार ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पावर ऑफ अटॉर्नी पर लगी रोक हटाने का भी निर्णय किया है।स्टांप एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवीन्द्र जायसवाल ने बताया कि पावर ऑफ अटॉर्नी का दुरुपयोग कर बड़े पैमाने पर स्टांप ड्यूटी की चोरी की जा रही थी। खासतौर से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ही पिछले पांच वर्षों के दौरान एक लाख से अधिक पावर ऑफ अटॉर्नी हुई, जिसमें से ज्यादातर में अचल संपत्ति को बेचने का अधिकार दिया गया।
गौर करने की बात यह है कि विक्रय विलेख के जरिए संपत्ति बेचने पर जहां सर्किल रेट के अनुसार पूरी स्टांप ड्यूटी (कुल सात प्रतिशत तक) लगती है वहीं पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से अचल संपत्ति को बेचने का अधिकार देने पर अभी मात्र 50 रुपये ही स्टांप शुल्क देना होता है। ऐसे में स्टांप राजस्व के भारी-भरकम नुकसान पर अंकुश लगाने के लिए पावर ऑफ अटॉर्नी की मौजूदा व्यवस्था को संशोधित किया गया है।
जायसवाल ने बताया कि अब पावर ऑफ अटॉर्नी के माध्यम से अचल संपत्ति को बेचने का अधिकार दिए जाने की दशा में बाजार मूल्य के अनुसार पूरी स्टांप ड्यूटी देनी होगी।मंत्री के अनुसार परिवार के सदस्यों (पिता, माता, पति, पत्नी, पुत्र, पुत्रवधू, पुत्री, दामाद, भाई, बहन, पौत्र-पौत्री (पुत्र के पुत्र-पुत्री) व नाती-नातिन (पुत्री के पुत्र-पुत्री) के मामले में पावर ऑफ अटॉर्नी के जरिए अचल संपत्ति बेचने का अधिकार देने पर पांच हजार रुपये की स्टांप ड्यूटी लगेगी। विदित हो कि अभी तक ऐसे मामलों में 50 रुपये की ही स्टाम्प ड्यूटी लगती रही है।
जायसवाल ने स्पष्ट किया कि यदि पावर ऑफ अटॉर्नी में संपत्ति को बेचने का अधिकार देने जैसी बात नहीं है तो पहले की तरह 50 रुपये ही स्टांप ड्यूटी लगेगी। मंत्री का मानना है कि पावर ऑफ अटॉर्नी की संशोधित व्यवस्था से स्टांप राजस्व की चोरी पर अंकुश लगेगा। इससे सालाना एक हजार करोड़ रुपये का स्टांप राजस्व बढ़ने का अनुमान है। जायसवाल ने बताया कि पावर ऑफ अटॉर्नी का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग कर स्टांप राजस्व की चोरी का मामला कुछ माह पहले प्रकाश में आने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश में पावर ऑफ अटॉर्नी के संबंधित मामलों पर रोक लगा दी गई थी।
अब संशोधित व्यवस्था के साथ ही पावर ऑफ अटॉर्नी पर लगी रोक को भी हटाने का निर्णय सरकार ने किया है। मंत्री ने बताया कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, बिहार जैसे राज्यों में पहले से ही पावर ऑफ अटॉर्नी पर संबंधित अचल संपत्ति के बाजार मूल्य के अनुसार विक्रय विलेख की भांति स्टांप शुल्क वसूलने की व्यवस्था है। दिल्ली में अचल संपत्ति के बाजार मूल्य पर तीन प्रतिशत स्टांप शुल्क वसूलने की व्यवस्था है।