UP: गांवों के लोगों की आवासीय संपत्ति के अभिलेख में दर्ज होगा पूरा ब्योरा, जानें क्या है स्वामित्व योजना
उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को पहली बार मिलने जा रही घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला तहसील ब्लॉक थाना और ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा।
लखनऊ, जेएनएन। स्वामित्व योजना के तहत गांवों के आबादी क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को दी जाने वाली घरौनी (ग्रामीण आवासीय अभिलेख) में उनकी आवासीय संपत्ति का पूरा ब्योरा दर्ज होगा, जिससे कि संपत्ति पर अवैध कब्जे को लेकर झगड़े-फसाद की गुंजायश न रहे। ग्रामीणों को घरौनी मुहैया कराने की प्रक्रिया को अमली जामा पहनाने के लिए शासन ने उत्तर प्रदेश आबादी सर्वेक्षण एवं अभिलेख संक्रिया विनियमावली, 2020 को अधिसूचित कर दिया है।
उत्तर प्रदेश के ग्रामीणों को पहली बार मिलने जा रही घरौनी में संपत्ति के स्वामी का जिला, तहसील, ब्लॉक, थाना और ग्राम पंचायत का नाम दर्ज होगा। ग्राम कोड और गांव के नाम का भी उल्लेख होगा। इसमें सर्वेक्षण वर्ष भी अंकित किया जाएगा। संपत्ति का आबादी गाटा संख्या और भूखंड संख्या भी दर्ज होगा। प्रत्येक भूखंड का 13 अंकों का यूनीक आइडी नंबर भी इसमें अंकित होगा। संपत्ति के वर्गीकरण को भी इसमें दर्शाया जाएगा जिससे पता चले कि संपत्ति किस श्रेणी या उप श्रेणी की है।
आवासीय भूखंड का क्षेत्रफल (वर्ग मीटर में) और उसकी सभी भुजाओं की संख्या और उनकी लंबाई भी घरौनी में दर्ज होगी। भूखंड की चौहद्दी का भी इसमें उल्लेख होगा। भूस्वामी और उनके पिता/माता/पति/पत्नी के नाम भी इसमें अंकित होंगे। यदि कई भू-स्वामी हैं तो प्रत्येक का नाम और उनके हिस्से भी इसमें दर्शाये जाएंगे। ग्राम पंचायत प्रस्ताव संख्या और तारीख भी इसमें दर्ज होगी। घरौनी पर सहायक अभिलेख अधिकारी के रूप मे संबंधित उप जिलाधिकारी का डिजिटल हस्ताक्षर होगा।
वहीं, आबादी क्षेत्र की संपत्तियों के सर्वेक्षण/सीमांकन को लेकर यदि किसी को आपत्ति होती है तो संबंधित एसडीएम (सहायक अभिलेख अधिकारी) उसकी सुनवाई करेंगे। एसडीएम के आदेश के खिलाफ जिला अभिलेख अधिकारी (जिलाधिकारी) के समक्ष 15 दिन में आपत्ति दर्ज करायी जा सकती है।
इन जिलों के ग्रामीणों को मिलेगी घरौनी : बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 अक्टूबर को स्वामित्व योजना के तहत प्रदेश के 37 जिलों के लगभग 340 गांवों के लोगों को उनकी आवासीय संपत्ति के ग्रामीण आवासीय अभिलेख का डिजिटल वितरण करेंगे। ये जिले गोरखपुर, वाराणसी, फतेहपुर, गोंडा, गाजीपुर, देवरिया, चंदौली, चित्रकूट, बहराइच, बस्ती, बाराबंकी, बांदा, बलरामपुर, बलिया, आजमगढ़, अयोध्या, अमेठी, अंबेडकरनगर, मऊ, हमीरपुर, जालौन, जौनपुर, झांसी, कौशांबी, कुशीनगर, ललितपुर, महाराजगंज, महोबा, मीरजापुर, प्रतापगढ़, प्रयागराज, संत रविदासनगर, संत कबीर नगर, श्रावस्ती, सिद्धार्थनगर, सोनभद्र और सुलतानपुर हैं।
आबादी स्थलों की नौ श्रेणियां
- श्रेणी 1- केंद्र सरकार के विभाग, निगम, प्राधिकरण आदि के भवन और भूमि
- श्रेणी 2 - राज्य सरकार के विभाग, निगम आदि के भवन और भूमि
- श्रेणी 3 - अर्धसरकारी संस्थाओं के भवन व भूमि
- श्रेणी 4 - सहकारी संगठन, स्वयं सहायता समूह के भवन व भूमि
- श्रेणी 5 - ग्राम पंचायत/स्थानीय निकाय के भवन व भूमि
- श्रेणी 6 - निजी/व्यक्तिगत/पारिवारिक भवन व भूमि
- श्रेणी 7 - निजी कंपनी, कॉरपोरेशन, फर्म आदि के भवन व भूमि
- श्रेणी 8 - न्यास, वक्फ, धर्मार्थ संस्थाओं, एनजीओ के भवन व भूमि
- श्रेणी 9 - अन्य भवन व भूमि