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Flood in UP: यूपी में बाढ़ का भयावह मंजर, लखीमपुर खीरी में दो नावों संग आठ लापता

आपदा में मदद के लिए वायुसेना भी मोर्चे पर डटी पीलीभीत और लखीमपुर में कर रही रेस्क्यू। भारी बारिश से लौटी बाढ़ ने मेरठ मुरादाबाद बरेली मंडल में मचाई भीषण तबाही। वायुसेना के जवान हेलीकाप्टर की मदद से बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST)Updated: Wed, 20 Oct 2021 10:59 PM (IST)
आपदा की इस घड़ी में वायुसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है।

लखनऊ, जागरण टीम। पिछले तीन-चार दिन में हुई भारी बारिश से लौटी बाढ़ ने मेरठ, मुरादाबाद, बरेली मंडल में भीषण तबाही मचाई है। उफनाई नदियों के पानी से सैकड़ों गांव घिर चुके हैं, तो वहीं जलधारा के प्रचंड वेग से लखीमपुर में दो नावों पर सवार 27 लोग बह गए, जिसमें आठ लापता हैं। आपदा की इस घड़ी में वायुसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया है। लखीमपुर सहित पीलीभीत में वायुसेना के जवान हेलीकाप्टर की मदद से बचाव कार्य में जुटे हुए हैं।

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विभीषिका का सबसे त्रासद मंजर लखीमपुर में नजर आया। यहां दो जगहों पर 27 लोगों को लिए दो नावें जलधारा में बहते-बहते विलीन हो गईं। पहली घटना धौरहरा तहसील के ईसानगर में तब हुई, जब बाढ़ में बहकर आई कीमती लकडिय़ों को निकालने के लिए 10 लोग नाव में सवार होकर नदी में उतरे। घाघरा के तेज बहाव में नाव टिक नहीं सकी और सभी को लेकर बह गई। इन्हें बचाने के लिए छह लोग कूदे, लेकिन ये भी लहरों में फंस गए। गनीमत रही कि नाव सवारों के साथ इन्हें एक टापू पर शरण मिल गई। जहां से इन्हें हेलीकाप्टर से रेस्क्यू कर लिया गया। हालांकि, इसमें एक की मौत हो गई।

दूसरी घटना रमियाबेहड़ के गांव देवमनिया में हुई। यहां 17 लोगों को लेकर जा रही नाव घाघरा के प्रचंड वेग से पलट गई। हादसा देखकर फारेस्टर सत्यप्रकाश ने स्टीमर से दो लोगों को बाहर निकलवाया। तीन अन्य को कुछ आगे ग्रामीण बचाने में कामयाब हुए, लेकिन 12 लोग अब भी लापता हैं। इसके बाद एनडीआरएफ की टीम ने चार अन्य को रेस्क्यू करके सही-सलामत निकाल लिया। नदी के दोनों किनारों पर इनकी गृहस्थी है, जिसे बाढ़ से बचाने के लिए नदी पार करके देवमनिया जा रहे थे। एनडीआरएफ लापता लोगों की तलाश में लगी है।

मेरठ मंडल में बिजनौर, मीरापुर, हस्तिनापुर व नरौरा में गंगा नदी उफान पर है। गंगा का पानी रावली स्थित नईबस्ती मेें भर गया है। यहां के करीब 75 गांव बाढ़ से घिर गए हैं। रामगंगा की उफान से भूतपुरी, मनोहरवाली, हरेवली व स्योहारा के कई गांवों तक पानी पहुंच गया है। कोसी नदी के जलस्तर में आए उफान से रामपुर बाढ़ की चपेट में है। पानी भर जाने से मुरादाबाद-लखनऊ हाईवे 10 घंटे तक यातायात बाधित रहा। रामगंगा और गंगा के उफनाने से कई गांवों तक पानी पहुंच गया और सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई।

बरेली मंडल के पीलीभीत, शाहजहांपुर, बरेली बाढ़ से घिर गए हैं। सबसे खराब हालात पीलीभीत के हैं। मुहल्ला बेनी चौधरी में लोगों के घरों में पानी भर गया। लोगों ने परिवार सहित छतों पर डेरा डाल रखा है। यहां शारदा नदी का कहर ट्रांस क्षेत्र में भयावह है। सुबह 26 महिलाओं और बच्चों को वायुसेना के हेलीकाप्टर से सुरक्षित निकाला गया। शारदा पार शेष फंसे लोगों को अब सशस्त्र सीमा बल के जवान मोटरबोट से रेस्क्यू कर रहे हैं। शहर के मुक्तिधाम परिसर में देवहा नदी का पानी घुस गया है।

बाढ़ के आगे रेल भी फेल : लखीमपुर खीरी में बाढ़ का असर बिजुआ इलाके के रेल ट्रैक पर भी पड़ा है। रेललाइन क्षतिग्रस्त होने से संचालन रोक दिया गया है। इसी तरह मुरादाबाद में गंगा के उफनाने से लखनऊ मुरादाबाद अप रेलवे लाइन सात घंटे के लिए बंद करनी पड़ी।


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