15th August: काकोरी ट्रेन कांड के बाद मिली थी स्वतंत्रता आंदोलन को गति Lucknow News
लखनऊ से चंद किमी दूर काकोरी में क्रांतिकारियों ने लूटा था अंग्रेजी हुकूमत का खजाना। घटना के बाद क्रांतिकारियों को पकडऩे के लिए अंग्रेजों ने झोंक दी थी पूरी ताकत।
लखनऊ [मोहम्मद हैदर]। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के क्रांतिकारियों द्वारा ब्रिटिश राज के विरुद्ध युद्ध छेड़ने की मंशा से हथियार खरीदने के लिए ब्रिटिश सरकार का खजाने लूटने की ऐतिहासिक घटना हुई। इतिहास में यह दिन काकोरी कांड (नौ अगस्त) के रूप में दर्ज है। काकोरी कांड को लेकर हम चार दिवसीय खबरों की शृंखला शुरू कर रहे हैं...।
देश की स्वतंत्रता के लिए महात्मा गांधी ने मुंबई में अहिंसा के साथ अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत जब की तो उसी दिन नौ अगस्त 1925 को लखनऊ से चंद किमी की दूरी पर अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ एक बड़े आंदोलन की नींव रखी गई। अमर शहीद पंडित राम प्रसाद बिस्मिल के नेतृत्व में कई क्रांतिकारियों ने मिलकर सरकारी खजाने से लदी ट्रेन को लूट लिया, जिसे बाद में काकोरी ट्रेन कांड का नाम दिया गया। इस लूटे गए खजाने से ही स्वतंत्रता आंदोलन को गति मिली थी।
जिस तरह अंग्रेजी हुकूमत की पुलिस चौकी को जलाने की वजह से गोरखपुर का चौरी-चौरा कांड इतिहास में दर्ज है, उसी तरह लखनऊ के निकट काकोरी ट्रेन लूट की वारदात भी स्वतंत्रता आंदोलन में स्वर्ण अक्षरों में हमेशा जिंदा रहेगी। वह हुकूमत जिसका सूर्य कभी अस्त नहीं होता था, काकोरी कांड की घटना उसके लिए किसी नश्तर से कम नहीं थी। इस घटना ने अंग्रेजी हुकूमत को किस कदर हिला दिया था, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि घटना को अंजाम देने वाले क्रांतिकारियों को पकडऩे के लिए हुकूमत ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी। 46 सौ रुपये लूटने वाले इन क्रांतिकारियों को गिरफ्तार करने के बाद पहले रोशनुद्दौला कोठी, फिर ङ्क्षरक थियेटर में दस महीने मुकदमा चला। इस मुकदमे पर अंग्रेजी हुकूमत ने करीब दस लाख रुपये खर्च किए थे। पांच दिन बाद काकोरी ट्रेन कांड की वर्षगांठ है। दैनिक जागरण काकोरी ट्रेन कांड की घटना पर सोमवार से सीरीज शुरू कर रहा है। इसमें काकोरी कांड की पूरी घटना को आप तक सिलसिलेवार तरीके से पहुंचाया जाएगा। पेश है पहली कड़ी।
घटना में शामिल क्रांतिकारी
- पंडित राम प्रसाद बिस्मिल
- अशफाक उल्लाह खां
- चंद्रशेखर आजाद
- राजेंद्रनाथ लाहिड़ी
- रोशन सिंह
- शचींद्र नाथ बक्शी
- मन्मथ नाथ गुप्त
- मुकुंदी लाल गुप्त
- शचींद्र नाथ सान्याल
- योगेश चंद्र चटर्जी
- गोविंद चरण कर
- विष्णु शरण दुबलिश
- सुरेश चंद्र भट्टाचार्य
- राम कृष्ण खत्री व अन्य
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