UP Budget 2022-23: खेतों की सिंचाई के लिए किसानों को मिलेगा निश्शुल्क पानी, जलभराव से निपटने का भी इंतजाम
UP Budget 2022 योगी सरकार ने नहरों और सरकारी नलकूपों से पानी देने के लिए बजट में 800 करोड़ की व्यवस्था की है। वहीं बाढ़ नियंत्रण और जल निकासी के लिए 2751 करोड़ रुपये खर्च करेगी यूपी सरकार।
लखनऊ, राज्य ब्यूरो। गांव, गरीब और किसान को अपनी प्राथमिकता बताने वाली भाजपा सरकार ने इस बजट में किसानों को सिर आंखों पर रखा है। लोक कल्याण संकल्प पत्र-2022 के वादे को पूरा करते हुए किसानों को सिंचाई के लिए निश्शुल्क पानी उपलब्ध कराने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। इसी तरह बाढ़ नियंत्रण अैर जल निकासी पर 2751 करोड़ का बड़ा बजट खर्च किया जाएगा।
योगी सरकार ने प्रदेश के 34,307 सरकारी नलकूपों और 252 लघु डाल नहरों के माध्यम से किसानों को मुफ्त सिंचाई की सुविधा की व्यवस्था की है। नहरों और सरकारी नलकूपों से किसानों को पानी के लिए 800 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। नाबार्ड की मदद से भी 2100 नए राजकीय नलकूपों का निर्माण कराया जाएगा। इसके लिए 423 करोड़ रुपये, जबकि 6600 राजकीय नलकूपों के आधुनिकीकरण के लिए 150 करोड़ रुपये की धनराशि रखी गई है। 569 खराब नलकूपों की मरम्मत पर 130 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।
बाढ़ नियंत्रण से होने वाली हानि को लेकर भी सरकार गंभीर है। इसे देखते हुए बाढ़ नियंत्रण एवं जल निकासी के लिए 2751 करोड़ की व्यवस्था की गई है। तटबंधों के निर्माण, उच्चीकरण, सुदृढ़ीकरण पर भी तेजी से काम होगा। इस मद में 356 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। नदी सुधार एवं कटाव रोकने के लिए 1328 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है, जबकि जल निकास के लिए 144 करोड़ रुपये का प्रबंध किया है।
नहर परियोजनाओं के काम को गति देने का भी इरादा है। मध्य गंगा नहर परियोजना के लिए 600 करोड़ रुपये, सरयू नहर परियोजना के लिए 310 करोड़ रुपये और अर्जुन सहायक नहर परियोजना के लिए 20 करोड़ रुपये आवंटित हुए हैं।
जल जीवन मिशन को 19,500 करोड़ से मिलेगी रफ्तार : योगी सरकार का लक्ष्य है कि 2024 तक प्रदेश में हर घर तक शुद्ध पेयजल की आपूर्ति शुरू हो जाए। इसके लिए जल जीवन मिशन को धार देते हुए इस बार योजना के बजट में पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में साढ़े चार हजार करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की गई है। 'हर घर नल, हर घर जल' के संकल्प को पूरा करने के लिए इस बजट में 19,500 करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई है।
योजना के तहत 2.64 करोड़ नल कनेक्शन दिए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। पहले चरण में विंध्य व बुंदेलखंड के नौ जिलों के 6831 राजस्व गांवों में पेयजल योजना की शुरुआत की गयी है, जो कि दिसंबर, 2022 तक पूरी की जानी है। दूसरे चरण में 61 जिलों के 33039 राजस्व गांवों में काम चल रहा है, जो दिसंबर, 2023 तक पूरा करने का लक्ष्य है। तीसरे चरण के 61 जिलों के 30016 राजस्व गांवों के लिए डीपीआर बनाई जा रही है। इन गांवों में पेयजल योजनाएं दिसंबर, 2024 तक पूरी होनी हैं।
14 जिलों के स्कूलों में लगेंगे जल शोधन संयंत्र : अगले पांच वर्षों में मुख्यमंत्री आरओ पेयजल योजना से प्रदेश के 14 जिलों में 28,041 विद्यालयों में बच्चों के लिए शुद्ध पेयजल की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए सरकार ने अल्ट्राफिल्ट्रेशन तकनीक पर आधारित जल शोधन संयंत्र स्थापित करने का बड़ा लक्ष्य रखा है।