UP News: साइबर क्राइम के नए-नए तरीके अपना रहे ठग, रोजाना 10-15 शिकायतें हो रही दर्ज
UP News साइबर जालसाजी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जालसाज कभी एकाउंट ब्लॉक करने तो कभी केवाईसी अपडेट करने की बात कहकर ठग मासूम लोगों को शिकार बना रहे हैं। साइबर विशेषज्ञों ने फोन पर किसी को खाते डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल न देने की अपील की।
लखनऊ, जागरण संवाददाता। साइबर ठगी के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं। साइबर ठग अलग-अलग हथकंडे अपनाकर लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं। इसलिए लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है पिछले एक सप्ताह में बिजली कनेक्शन काटने, पैन अपडेट और पेटीएम अपडेट के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। जहां जालसाजों ने लोगों के खातों से लाखों रुपये की ठगी को अंजाम दिया है। साइबर सेल प्रभारी रणजीत राय ने बताया कि इन दिनों प्रतिदिन 10-15 शिकायतें दर्ज की जा रही है। हमारी टीम ठगों का पता लगाने में जुटी है।
केस 1 : पीड़ित डा. राजीव कुमार गौतम कृष्णानगर इलाके के मानसनगर सुभाषनगर के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि गत रविवार सुबह करीब साढ़े 11 बजे उनके मोबाइल फोन पर मैसेज आया। इसमें पैन अपडेट न करने पर एकाउंट ब्लॉक की जानकारी दी। हालांकि पीड़ित कुछ समझ पाता इससे पहले करीब दो बजे जालसाज ने लिंक भेजा। बैंक की गोपनीय जानकारी देते ही खाते से पांच बार में 4, 93,999 रुपये कटने के मैसेज आने लगे तो पीडित ने बैंककर्मियों से संपर्क साधा। इसके बाद कृष्णानगर थाने में अज्ञात के साइबर जालसाजों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई है।
केस 2 : पीड़ित अरविंद कुमार प्रजापति गंगोत्री बिहार फेज-दो खरगापुर गोमतीनगर में रहते हैं। उन्होंने बताया कि एक मीडिया त ग्रुप के टेक्निकल सेक्शन में कार्यरत हैं। कराते बीती सोमवार रात करीब आठ बजे उनके कों की मोबाइल पर अज्ञात ने केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा। जालसाज ने एक लिंक भेजा। घर बैठे अपडेट करने का झांसा दिया। पीड़ित ने जैसे ही लिंक क्लिक किया तो खाते से 60 हजार रुपये कटने के मैसेज आ गए। पीड़ित दंग रह गया। आनन-फानन में बैककर्मियों से संपर्क किया। इस दौरान संह साइबर ठगी होने की जानकारी हो सकी। पीड़ित ने बताया कि आरोपियों ने बिना देरी किए बिजली बिल के अलावा अन्य जरूरतों में रुपयों का इस्तेमाल किया है। मंगलवार को साइबर सेल में शिकायत की है।
ठगी से बचने के तरीके
- फोन पर किसी को भी बैंक खाते, डेबिट या क्रेडिट कार्ड की डिटेल न दें
- बैंक अधिकारी फोन, मैसेज, ईमेल या किसी लिंक के जरिए ग्राहकों की बैंकिंग डिटेल्स नहीं मांगते हैं
- यह भी देखा गया है कि कभी-कभी ठग बैंककर्मी या कंपनी का अधिकारी बनकर फोन करता है और समस्या के समाधान के लिए एक लिंक भेजता है
- इस लिंक को अगर क्लिक किया तो एक फॉर्म खुलता है जिसमें आपसे कुछ जानकारियां भरने के लिए कहा जाता है। अगर आपने ये जानकारियां भर दी तो समझ लें आप ठग के जाल में फंस गए
- फोन पर आए किसी लिंक पर क्लिक न करें और न ही कोई फार्म भरें
- ओटीपी, यूपीआई पिन या एटीएम पिन किसी के साथ शेयर न करें
- केवाइसी के लिए एसएमएस आए तो ध्यान न दें. एसएमएस में दिए गए मोबाइल नंबर पर काल न करें
- नौकरी, पालिसी बोनस, लॉटरी, सस्ता लोन वाले ऑफर के एसएमएस, ईमेल, आदि आते रहते हैं। इन पर कभी भरोसा न करें।