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अटल ज्योति योजना के नाम जालसाजों ने लखनऊ में ठगे आठ लाख रुपये, रुपयों की कमी का द‍िया हवाला

संतोष ने कहा कि उनकी फर्म अक्ष एसोसिएट को काम मिला है। वह पार्टनर चाहते हैं क्योंकि उनके पास रुपयों की कमी है। संतोष ने एक वर्क आर्डर भी दिखाया। बातचीत तय हुई इसके बाद आठ लाख रुपये फर्म में लगा दिया।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Mon, 26 Jul 2021 09:01 PM (IST)Updated: Tue, 27 Jul 2021 07:35 AM (IST)
विभूतिखंड कोतवाली में जालसाजों के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा।

लखनऊ, जागरण संवाददाता। जालसाजों ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से संचालित अटल ज्योति योजना के तहत काम दिलाने का दावा कर देवरिया के व्यापारी से आठ लाख रुपये ठग लिए। पीडि़त व्यवसायी की तहरीर पर विभूतिखंड पुलिस ने जालसाजों मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर विभूतिखंड चंद्रशेखर सिंह के मुताबिक देवरिया निवासी सौरभ शुक्ला व्यवसायी हैं। उन्होंने बताया कि उनके परिचित दीन बंधु दुबे के माध्यम से उनकी मुलाकात ओमेक्स निवासी संतोष मणि त्रिपाठी से हुई थी। संतोष ने उन्हें अटल ज्योति योजना के माध्यम से ठेका दिलाने का दावा किया।

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संतोष ने कहा कि उनकी फर्म अक्ष एसोसिएट को काम मिला है। वह पार्टनर चाहते हैं क्योंकि उनके पास रुपयों की कमी है। संतोष ने एक वर्क आर्डर भी दिखाया। बातचीत तय हुई इसके बाद आठ लाख रुपये फर्म में लगा दिया। संतोष ने देवरिया का काम दिलाने का दावा किया। संतोष ने एग्रीमेंट किया और उसके बाद वर्क आर्डर भी दिखाया। वर्क आर्डर की कॉपी भी दी। काफी समय बीतने के बाद भी काम नहीं मिला। संतोष ने विरोध किया तो वह टाल मटोल करने लगा। आशंका होने पर वर्क आर्डर की जांच कराई। वर्क आर्डर फर्जी निकला। रुपयों की मांग की तो उक्त लोगों ने धमकी दी। इसके बाद मामले की जानकारी डीसीपी को दी। डीसीपी के आदेश पर संतोष समेत अन्य आरोपितों के खिलाफ ठगी समेत अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ। इंस्पेक्टर ने बताया कि रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

प्लाट दिलाने के नाम पर 9.5 लाख ठगे

इंदिरानगर सेक्टर 22 निवासी अविनाश मिश्र को प्लाट दिलाने के नाम पर प्रापर्टी डीलर मुख्तार अहमद निवासी बाराबंकी ने 9.5 लाख रुपये ठग लिए। अविनाश की तहरीर पर गोमतीनगर पुलिस ने मुख्तार अहमद के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इंस्पेक्टर ने बताया कि मुख्तार ने नवाबगंज के पास एक प्लाट पांच हजार वर्ग फीट का दिखाया था। 14.5 लाख रुपये में तय हुआ। उन्हें रुपये भी दे दिए। रुपये मिलने के बाद भी मुख्तार ने रजिस्ट्री नहीं कराई। दबाव बनाने पर वह टाल मटोल करने लगा। दबाव बनाने पर पांच लाख रुपये लौटाए। इसके बाद उसने चेक दी। चेक खाते में लगाई तो बाउंस हो गई। विरोध पर मुख्तार ने धमकी दी। इसके बाद अविनाश ने तहरीर दी। तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज किया गया। 


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