नौकरी लगवाने के नाम पर सात युवकों से लाखों की ठगी
हजरतगंज कोतवाली में एक सहायक अध्यापक समेत तीन पर मुकदमा, अधिकरण का कर्मचारी गिरफ्तार, अधिकरण के अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर जारी किया गया था नियुक्ति पत्र, तीन कर्मचारी सस्पेंड।
लखनऊ, जेएनएन । इंदिराभवन स्थित राज्य लोक सेवा अधिकरण में नौकरी दिलाने के नाम पर सात बेरोजगारों से जालसाजों ने लाखों रुपये ऐंठ लिए। जालसाजों ने अधिकरण के अध्यक्ष के फर्जी हस्ताक्षर बनाकर पीडि़त शत्रुघ्न को स्टेनो के पद का जाली नियुक्तिपत्र भी जारी कर दिया। अधिकरण में फर्जीवाड़े का खुलासा होने पर तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया गया। उधर, शत्रुघ्न ने एक सहायक अध्यापक और अधिकरण के कर्मचारी समेत तीन के खिलाफ हजरतगंज कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है, जिसके बाद एक कर्मचारी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
पीडि़त शत्रुघ्न ने बताया कि वह बलिया के उभांव फरसाटार का रहने वाला है। उसके गांव में रहने वाले सहायक अध्यापक संतोष कुमार ने अप्रैल में उनकी मुलाकात अपने साले मुक्तेश सिंह से कराई थी। मुक्तेश यहां बीबीडी कॉलेज से बीटेक का छात्र है। मुक्तेश उसे इंदिराभवन स्थित अधिकरण के दफ्तर लेकर पहुंचा। मुक्तेश ने एक लाख रुपये टोकन मनी के रूप में लिया। जहां उसने कर्मचारी कमलेश कुमार से मिलाया और उन्हें सारे शैक्षिक प्रपत्र दे दिए। कमलेश ने विभाग के एक स्टेनो व कुछ अन्य कर्मचारियों के साथ केबिन में 21 अप्रैल को इंटरव्यू लिया और कहा कि तुम पास हो गए हो। इसके बाद नियुक्तिपत्र के लिए 10 लाख रुपये मांगे। 23 अप्रैल को उन्हें 7.5 लाख रुपये नकद दिए गए। 25 को कमलेश ने अधिकरण के अध्यक्ष जस्टिस सुधीर कुमार सक्सेना के नाम से जारी नियुक्तिपत्र दिया। चार दिन तक अपने ऑफिस में बैठाकर काम सिखाया फिर दो माह तक काम किया। इस बीच न तो वेतन मिला और न ही विभाग द्वारा जारी पहचानपत्र मिला। आशंका होने पर बीते दिनों अधिकरण के अध्यक्ष से मुलाकात कर सारा वाक्या बताया तो उन्होंने सिरे से कोई नियुक्तिपत्र जारी करने की बात से इन्कार किया। उन्होंने पड़ताल कराई तो पता चला कि उनके फर्जी हस्ताक्षर बनाकर नियुक्तिपत्र जारी किया गया है। इंस्पेक्टर हजरतगंज राधा रमण सिंह ने बताया कि कमलेश कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। जबकि अधिकरण ने तीन कर्मचारियों को सस्पेंड कर दिया।
चतुर्थ श्रेणी के पद पर नौकरी लगवाने के नाम पर इनसे भी ऐंठे रुपये
पीडि़त शत्रुघ्न ने बताया कि जालसाजों ने छह अन्य युवकों से भी रुपये ऐंठे। बेरोजगार जितेंद्र से दो लाख, सोनू कुमार से डेढ़ लाख, विनय कुमार मौर्या से एक लाख, सुनील कुमार से एक लाख, प्रेम चंद्र चौहान से एक लाख व एक अन्य से भी नौकरी लगवाने के नाम पर रुपये ऐंठे थे।