कैबिनेट मंत्री बनकर जमीनों पर करता था कब्जा, गिरफ्तार
नोट : लखीमपुर और शाहजहांपुर के ध्यानार्थ । फोटो है ---------------- -मड़ियांव थान
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लखीमपुर और शाहजहांपुर के ध्यानार्थ । फोटो है
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-मड़ियांव थाने की पुलिस को मिली सफलता, चार साथी भी पकड़े गए
-कैबिनेट मंत्री और विधायक का लोगो लगी सफारी भी बरामद
जागरण संवाददाता, लखनऊ: मड़ियांव थाने की पुलिस ने भाजपा विधायक और कैबिनेट मंत्री बताकर लोगों की जमीनों पर कब्जा करने वाले अभियुक्त व उसके चार साथियों को गिरफ्तार किया है। अभियुक्त जमीन से कब्जा हटाने के एवज में रंगदारी मांगते थे।
इंस्पेक्टर मड़ियांव अमरनाथ वर्मा के मुताबिक पकड़े गए अभियुक्तों में सरगना केशवनगर निवासी विषम पाठक, शाहजहांपुर निवासी संदीप अग्निहोत्री, लखीमपुर निवासी राजाराम, विकास शर्मा व कन्हैया मिश्रा है। इस संबंध में केशवनगर निवासी भाजपा मंडल अध्यक्ष मानसिंह ने मड़ियांव थाने में विषम व उसके साथियों के खिलाफ जालसाजी समेत अन्य धाराओं में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उन्होंने तहरीर में कहा था कि विषम ने उनके प्लॉट पर कब्जा कर लिया है और खुद को भाजपा विधायक व कैबिनेट मंत्री बताकर रौब गांठ रहा है। मंगलवार को मानसिंह अपने प्लॉट केचारों ओर बाउंड्रीवाल का निर्माण करवा रहे थे। दोपहर करीब बारह बजे विषम अपने दर्जनभर साथियों के साथ असलहों से लैस होकर पहुंचा और मजदूरों, मिस्त्री को मारपीट कर भगा दिया। मौके पर मौजूद मानसिंह के घर की महिलाओं ने विरोध किया, जिसपर आरोपितों ने उनसे भी बदसुलूकी की। मानसिंह ने बताया कि सूचना मिलने पर वह घर पहुंचे और विरोध किया, जिसपर विषम व उसकेसाथियों ने उनसे भी मारपीट शुरू कर दी। मानसिंह के मुताबिक विषम उनके प्लॉट पर कब्जा करना चाहता है। वह मोहल्लों में खाली पड़े प्लॉटों पर कब्जा करता रहता है, खाली करने के लिए प्लॉट मालिकों से रंगदारी मांगता है।
पानी का काला कारोबार भी फैला रखा है
मानसिंह का आरोप है कि विषम ने मड़ियांव स्थित अग्रसेननगर स्थित शमशान घाट की जमीन पर कब्जा कर सबमर्सिबल पंप लगाकर टैंकरों से रोजाना लाखों लीटर पानी की सप्लाई करता है। इस काले कारोबार से उसे मोटी धनराशि मिलती है। इसके अतिरिक्त अन्य क्षेत्रों में भी उसने पानी का अवैध कारोबार कर रखा है।
फर्जी मंत्री और साथियों की पुलिस से नोकझोंक
विषम पाठक को जब मड़ियांव पुलिस पकड़ने पहुंची तो मौके पर उसकी भिड़ंत हो गई। उसने एक सिपाही का हाथ पकड़कर उसे मारने का प्रयास किया, लेकिन पुलिस के सामने उसकी एक न चली। उसके बंद होने की सूचना पाकर उसके साथी मड़ियांव थाने पहुंचे, जहां उनकी पुलिस से नोकझोंक हुई और विषम को छोड़ने का भी दबाव बनाया, लेकिन इंस्पेक्टर ने उनकी एक न सुनी। पुलिस ने इस दौरान हंगामा कर रहे आरोपितों की पिटाई भी की।