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मोदी सरकार पार्ट-2 में यूपी से चार कैबिनेट मंत्री, दो स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री

उत्तर प्रदेश के नौ सांसदों को नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल किया गया। इनमें चार को कैबिनेट मंत्री दो को स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री तथा तीन को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Fri, 31 May 2019 10:18 AM (IST)Updated: Fri, 31 May 2019 02:16 PM (IST)
मोदी सरकार पार्ट-2 में यूपी से चार कैबिनेट मंत्री, दो स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री
मोदी सरकार पार्ट-2 में यूपी से चार कैबिनेट मंत्री, दो स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री

लखनऊ, जेएनएन। लोकसभा चुनाव 2019 में भारतीय जनता पार्टी व सहयोगी को सर्वाधिक 64 सीट दिलाने वाले उत्तर प्रदेश के नौ सांसदों को नरेंद्र मोदी सरकार में शामिल किया गया है। इनमें चार को कैबिनेट मंत्री, दो को स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री तथा तीन को राज्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गई है। मंत्रियों में उत्तर प्रदेश से दो महिलाओं को भी मंत्री पद दिया गया है। अमेठी से सांसद स्मृति जुबिन ईरानी ने कैबिनेट मंत्री तथा फतेहपुर से सांसद साध्वी निरंजन ज्योति राज्य मंत्री के रूप में शपथ ली है।

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नरेंद्र मोदी मंत्रिमंडल में 2014 की अपेक्षा इस बार उत्तर प्रदेश के सांसदों को सरकार में शामिल होने का उतना मौका नहीं मिला, जितने की उम्मीद थी। मंत्रिमंडल में पिछले सरकार में कुछ मंत्रियों को इस बार जगह नहीं मिली। इनमें मेनका गांधी का नाम अहम है। इसके अलावा अपना दल की अनुप्रिया पटेल, डॉ महेश शर्मा, और सत्यपाल सिंह को भी जगह नहीं मिल सकी। लखनऊ से दोबारा जीतकर संसद पहुंचे राजनाथ सिंह ने प्रधानमंत्री मोदी के बाद कैबिनेट मंत्री के रूप में शपथ ली। राजनाथ सिंह पिछली सरकार में भी गृहमंत्री बने थे।

अमेठी से कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को मात देने वाली स्मृति ईरानी को भी कैबिनेट मंत्री के पद से नवाजा गया है। स्मृति इरानी पिछले सरकार में मानव संसाधन, कपड़ा मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण पद संभाल चुकी हैं। मोदी मंत्रिमंडल में शपथ लेने वाली 43 साल की स्मृति ईरानी सबसे युवा मंत्री है। स्मृति ईरानी ने 16वीं लोकसभा मंत्रिमंडल में भी शपथ ली थी और उस वक्त उनको मानव संसाधन मंत्रालय सौंपा गया था। इस बार स्मृति ने राहुल गांधी को 54 हजार सात सौ 31 वोटों से हराया। अमेठी में स्मृति ईरानी को कुल चार लाख 67 हजार पांच सौ 98 वोट मिले, जबकि राहुल गांधी को चार लाख बारह हजार 8 सौ 67 वोट मिले। अभिनेत्री स्मृति ईरानी 2003 में भाजपा में शामिल हुईं। 2004 में भाजपा ने उन्हें महाराष्ट्र यूथ इकाई का उपाध्यक्ष बनाया। 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने उन्हें दिल्ली की चांदनी चौक सीट से उम्मीदवार बनाया, लेकिन कांग्रेस उम्मीदवार कपिल सिब्बल से वह हार गईं। 2010 में उन्हें राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद भाजपा ने उन्हें महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया। भाजपा ने 2011 में उन्हें गुजरात से राज्यसभा भेजा। 2014 का चुनाव स्मृति ईरानी ने अमेठी से राहुल गांधी के खिलाफ लड़ा, लेकिन हार गईं। इसके बाद भी मोदी सरकार में उन्हें मानव संसाधन विकास मंत्री का पद मिला।

जुलाई 2016 में स्मृति ईरानी के मंत्रालय में फेरबदल हुआ और उन्हें कपड़ा मंत्रालय का प्रभार मिला। स्मृति इरानी अपनी शैक्षिक योग्यता को लेकर विवादों में रहीं। उन पर आरोप लगा कि 2004 और 2014 के चुनावी हलफनामों में उन्होंने अपनी शैक्षिक योग्यता अलग-अलग बताई थीं। 2004 में इरानी ने ऐफिडेविट में बताया था कि वह स्नातक हैं। उनके इस हलफनामे के मुताबिक, उन्होंने 1996 में दिल्ली यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ करेस्पॉन्डेंस से बीए की डिग्री हासिल की। 2014 में उन्होंने अपने हलफनामे में बताया था कि उन्होंने 1994 में दिल्ली यूनिवर्सिटी से बीकॉम पार्ट 1 का एग्जाम पास किया था और कोर्स पूरा नहीं कर पाई थीं। इसके अलावा स्मृति उस वक्त विवादों में आ गईं जब उन्होंने कहा कि उनके पास अमेरिका के मशहूर येल यूनिवर्सिटी की डिग्री है।

उत्तर प्रदेश में 64 सीट जीतने में अहम भूमिका निभाने वाले भाजपा प्रदेश अध्यक्ष और चंदौली से सांसद डॉ महेंद्रनाथ पांडेय ने भी कैबिनेट मंत्री पद की शपथ ली। पिछली सरकार में राज्य मंत्री थे। इसके बाद में उन्हें हटाकर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया था।

नरेद्र मोदी मंत्रिमंडल में एकलौते मुस्लिम चेहरे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य मुख्तार अब्बास नकवी हैं। नकवी पिछली सरकार में भी मंत्री थे। बरेली से आठवीं बार सांसद चुने गए वरिष्ठ नेता संतोष गंगवार को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्होंने राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार के तौर पर शपथ ली। पिछली सरकार में गंगवार राज्य मंत्री थे। यूपी से राज्यसभा सांसद हरदीप सिंह पूरी को भी मोदी कैबिनेट में शामिल किया गया है। उनको राज्यमंत्री बनाया गया है। पिछली सरकार में भी राज्यमंत्री थे। मुजफ्फरनगर से रालोद अध्यक्ष अजीत सिंह को हराकर दुबारा जीतने वाले सांसद संजीव बालियान को भी मोदी कैबिनेट में जगह मिली है। उन्होंने राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ली। संजीव बालियान पिछली सरकार में भी मंत्री थे। 2017 में उन्हें हटा दिया गया था। फतेहपुर से दोबारा सांसद चुनी गई साध्वी निरंजन ज्योति ने भी राज्यमंत्री के तौर पर शपथ ग्रहण की।

उत्तर प्रदेश से इनके साथ कुछ नाम ऐसे भी हैं जिन्हें जगह नहीं मिल सकी। इनमे प्रमुख नाम मेनका गांधी का है। आठवीं बार सांसद बनीं मेनका गांधी पिछली सरकार में महिला एवं बाल कल्याण मंत्री रहीं थी। मेनका गांधी को इस बार कैबिनेट में जगह नहीं मिली। माना जा रहा है कि उन्हें कोई अन्य महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी जा सकती है। चर्चा है उन्हें लोकसभा अध्यक्ष बनाया जाएगा। मेनका गांधी के अलावा पिछले सरकार में पर्यटन मंत्री रहे और नोएडा से तीसरी बार सांसद बने डॉ महेश शर्मा को भी कैबिनेट में जगह नहीं मिली है। इसबार उनको संगठन में लाया जाएगा। मुंबई के पूर्व कमिशनर और बागपत से दोबारा सांसद बने सत्यपाल सिंह भी मोदी की टीम में शामिल नहीं हो सके। इस बार उन्होंने जयंत चौधरी को हराया है। पहली बार जीतने के बाद ही मोदी सरकार में राज्यमंत्री बने थे।

गाजीपुर लोकसभा सीट से इस बार चुनाव हारने वाले भाजपा के कद्दावर नेता मनोज सिन्हा को भी जगह नहीं मिली है। माना जा रहा था कि उनकी कार्यकुशलता को देखते हुए उनको मोदी कैबिनेट में शामिल किया जाएगा। पिछली सरकार में रेल राज्यमंत्री के साथ स्वतंत्र प्रभार मंत्री के रूप में दूरसंचार व डाक विभाग मंत्रालय भी उनके पास था।

उत्तर प्रदेश में भाजपा के सहयोगी दल अपना दल की संरक्षक और मिर्जापुर से सांसद अनुप्रिया पटेल भी मंत्री नहीं बनी हैं। वह राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार की मांग कर रही थीं। मोदी सरकार में वित्त राज्यमंत्री व पूर्वांचल के ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले शिव प्रताप शुक्ला भी इस बार कैबिनेट में शामिल नहीं हो सके। 

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