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यूपी के कांग्रेसियों को रास नहीं PK फार्मूला, जिलाध्यक्षों के सवाल शुरू

कांग्रेस का मिशन-2017 कामयाब बनाने को चुनाव प्रबंधन विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में 20 पूर्णकालिक कार्यकर्ता चुन लेने का फार्मूला कांग्रेसियों को हजम नहीं हो पाया। कई जिलाध्यक्षों ने सवाल-जवाब शुरू कर दिया है।

By Dharmendra PandeyEdited By: Published: Mon, 21 Mar 2016 08:41 AM (IST)Updated: Mon, 21 Mar 2016 01:09 PM (IST)

लखनऊ। कांग्रेस का मिशन-2017 कामयाब बनाने को चुनाव प्रबंधन विशेषज्ञ प्रशांत किशोर के प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में 20 पूर्णकालिक कार्यकर्ता चुन लेने का फार्मूला कांग्रेसियों को हजम नहीं हो पाया। 31 मार्च तक सूची और 15 पेज वाला प्रोफार्मा भर कर भेज देने की हिदायत के बावजूद अभी तक कोई प्रगति नहीं हो सकी अलबत्ता कई जिलाध्यक्षों ने सवाल-जवाब शुरू कर दिया है।

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पश्चिमी उत्तर प्रदेश के आधा दर्जन जिला व शहर अध्यक्षों ने सामानांतर संगठन की आशंका व्यक्त की है। उनका आरोप है कि प्रत्येक क्षेत्र पर बीस ऐसे वर्कर की खोज आसान नहीं है जो चुनाव लडऩे के इच्छा न जताएं और अपना पूरा समय पार्टी के लिए दें। सशर्त वर्कर बनने के लिए अच्छे कार्यकर्ता तैयार नहीं हैं इसी कारण से तीसरी चौथी श्रेणी के वर्कर ही चिन्हित किए जा रहे हैं। प्रत्येक जिले में 80 से सौ कार्यकर्ता की तलाश आसान नहीं है क्योंकि सत्यापन को जिलेवार बैठकें होगी, जिसमें पीके से सीधे जुडे लोग ही भाग लेंगे। सूची को लेकर विवादों के बढऩे की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता है।

प्रत्येक सीट पर 32 कार्यकर्ता चाहिए

मुख्य संगठन ने 20 नाम मांगे गए हैं, वहीं फ्रंटल संगठनों और विभागों से भी दो-दो कार्यकर्ताओं के नाम देने को कहा गया है। युवा कांग्रेस, महिला कांग्रेस, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन व सेवादल के साथ अनुसूचित जाति और अल्पसंख्यक विभाग के दो- दो कार्यकर्ता मांगे हैं। अब प्रत्येकसीट पर 32 पूर्णकालिक कार्यकर्ता की सूची तैयार करनी होगी, जिनको विधानसभा चुनाव होने तक पार्टी के लिए ही कार्य करना होगा। विधानसभा क्षेत्र में नयी टीम तैयार होने से पूर्व में गठित बूथ व ब्लाक कमेटियों से टकराव बढऩे की आशंका जताते हुए एक विधायक का कहना है कि चुनाव के वक्त दोनों में तालमेल करना आसान नहीं होगा। उधर, प्रदेश अध्यक्ष निर्मल खत्री का कहना है कि टकराव जैसी स्थिति न है और न ही बनेगी। प्रत्येक कार्यकर्ता के मन में कांग्रेस को सत्तासीन करने की लगन है, ऐसे में सर्वसम्मत फैसले ही होंगे। होली पर्व के बाद सूची तैयार करने के काम में तेजी आएगी।

एक अप्रैल से संपर्क यात्राएं

प्रदेश में एक से 15 अप्रैल तक कांग्रेस की संपर्क यात्राएं शुरू होंगी। मनरेगा और खाद्य सुरक्षा कानून जैसी पूर्ववर्ती यूपीए सरकार के कार्यक्रमों को लेकर जिलों में संवाद व संपर्क तेज किया जाएगा। उक्त योजनाओं का श्रेय लेने में जुटी मोदी सरकार को चुनावी लाभ न लेने के उद्देश्य से कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की सभाएं तथा बैठकें होंगी।


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