सुलतानपुर में पूर्व विधायक सहित चार भेजे गए जेल, गैंगेस्टर के मुकदमे में चल रहे थे वांछित
दो माह पहले मायंग गांव में जेसीबी से दीवार गिराने का मुकदमा लिखाने वाले से गवाही बदलने का दबाव देने के लिए धनपतगंज थाने में तब के दारोगा सीताराम यादव ने पूर्व विधायक सहित उनके समर्थकों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की प्राथमिकी दर्ज की थी।
सुलतानपुर, संवाद सूत्र। इसौली के पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू सहित तीन लोगों को विशेष न्यायालय ने गैंगस्टर एक्ट के मुकदमे में जेल भेज दिया। मायंग में दीवार गिराने के विवाद में धनपतगंज पुलिस ने गिरोहबंद अधिनियम में मुकदमा दर्ज किया था। जिसमें ये वांछित चल रहे थे।
दो माह पहले मायंग गांव में जेसीबी से दीवार गिराने का मुकदमा लिखाने वाले से गवाही बदलने का दबाव देने के लिए धनपतगंज थाने में तब के दारोगा सीताराम यादव ने पूर्व विधायक सहित उनके समर्थकों के खिलाफ गैंगेस्टर एक्ट की प्राथमिकी दर्ज की थी। वे तभी से वांछित चल रहे थे। मंगलवार को उनके अधिवक्ता रुद्रप्रताप सिंह मदन ने विधायक के साथ दीपक सिंह उर्फ बबलू, सूर्यप्रकाश सिंह उर्फ अंशू तथा विजय यादव का आत्मसमर्पण विशेष सत्र न्यायाधीश एमपी-एमएलए कोर्ट पीके जयंत के समक्ष कराया। सभी को न्यायिक अभिरक्षा में जेल भेज दिया गया है। न्यायालय में कार्यवाही के समय बड़ी संख्या में सुरक्षा बल व समर्थक मौजूद रहे।
पूर्व विधायक से मांगा जवाब : इसी अदालत ने पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह उर्फ सोनू व उनके भाई प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू ने कुछ दिन पहले एक दलित उत्पीड़न के मामले में जमानत स्वीकार कर ली थी। घटना धनपतगंज ब्लाक के समक्ष ब्लाक प्रमुख चुनाव के दौरान हुई थी। जिसमें अनुसूचित जाति की महिला गीता सरोज के साथ अभद्रता व मारपीट की गई थी। जिसका एफआईआर दर्ज हुआ और अदालत में जमानत स्वीकार करते हुए शर्त लगाई गई थी कि दोबारा कोई अपराध कारित नहीं करेंगे। जिसको लेकर जिला पंचायत अध्यक्ष ऊषा सिंह ने स्वीकृत जमानत को खारिज करने की अर्जी अधिवक्ता संतोष पांडेय के माध्यम से दी है। जिसकी सुनवाई भी मंगलवार को हुई। विशेष सत्र न्यायाधीश पीके जयंत ने प्रकरण में अदालत में हाजिर पूर्व विधायक से जवाब तलब किया है। जिस पर अगली सुनवाई बीस जुलाई को होगी।