Move to Jagran APP

होटल अग्निकांड में फंसे पूर्व सिटी मजिस्‍ट्रेट, लटकाए रखा था लाइसेंस प्रक्रिया को

चारबाग में एसएसजे व विराट इंटरनेशनल में हुए अग्निकांड के दौरान हुई थी सात मौतें। लाइसेंस प्रक्रिया को लटकाने में फंसे, तीन कर्मचारी हो चुके हैं निलंबित।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Sun, 13 Jan 2019 07:23 AM (IST)Updated: Sun, 13 Jan 2019 05:37 PM (IST)
होटल अग्निकांड में फंसे पूर्व सिटी मजिस्‍ट्रेट, लटकाए रखा था लाइसेंस प्रक्रिया को
होटल अग्निकांड में फंसे पूर्व सिटी मजिस्‍ट्रेट, लटकाए रखा था लाइसेंस प्रक्रिया को

लखनऊ, (राजीव बाजपेयी )। चारबाग के एसएसजे इंटरनेशनल और विराट होटल में हुए भीषण अग्निकांड में पूर्व सिटी मजिस्ट्रेट पर शिकंजा कसने की तैयारी है। जांच में सामने आया है कि सिटी मजिस्ट्रेट ने लाइसेंस की आवेदन प्रक्रिया को जान बूझकर लटकाया, जिसके चलते सुरक्षा मानकों को पूरा करने में चूक रह गई। प्रशासन ने इस मामले में तीन कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। नाका स्थित होटलों मेें गत वर्ष 19 जून की रात आग लग गई थी। इस भीषण अग्निकांड में सात लोगों की जान चली गई थी। इस मामले में होटल संचालक के खिलाफ नाका कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी।

जिलाधिकारी कौशल राज शर्मा ने मजिस्ट्रेट जांच के निर्देश दिए थे जो अब तक पूरी नहीं हुई है। शासन ने इस मामले की अपर महानिदेशक लखनऊ जोन और उपाध्यक्ष लखनऊ विकास प्राधिकरण की संयुक्त रूप से जांच कराई थी। रिपोर्ट पर अब प्रशासन जागा है। दरअसल होटल विराट जो पहले रेस्ट इन के नाम से था के मालिक अशर्फी लाल गुप्ता द्वारा छह जनवरी 2011 को सराय एक्ट के तह पंजीकृत करने के लिए आवेदन किया गया था। इसके बाद 29 अक्टूबर 2015 को अर्पित जायसवाल द्वारा रेस्ट इन को क्रय करने तथा उसका नाम परिवर्तित कर विराट करने के लिए दिये गए आवेदन पत्र पर तत्कालीन अपर जिलाधिकारी जय शंकर दुबे ने 14 दिसंबर 15 को संबंधित आवश्यक विभागों से अनापत्ति प्रमाणपत्र प्रस्तुत करने को कहा। लेकिन क्षेत्रीय पर्यटन कार्यालय द्वारा प्रेषित की गयी 305 होटलों की सूची में विराट का नाम नहीं था।

loksabha election banner

अशर्फी और अंकित में किसी को भी विभाग द्वारा कोई सूचना नही दी गई। मुंसरिम कार्यालय का कहना था कि विभागों से अनापत्ति नहीं आने से पंजीकरण नहीं किया गया। लेकिन मुंसरिम कार्यालय द्वारा संंबंधित विभागों को कोई रिमाइंडर नहीं भेजा गया। रिपोर्ट पर मुंसरिम के तीन कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई कर दी गयी है और सिटी मजिस्ट्रेट के खिलाफ संस्तुति करने की तैयारी है।

एडीएम ट्रांसगोमती को जांच
अपर जिलाधिकारी ट्रांसगोमती अनिल कुमार को इस मामले की जांच सौंपी गई है। एडीएम होटल के आवेदन प्रक्रिया में हुए विलंब के कारणों की जांच करेंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.