भाजपा के पूर्व संगठन मंत्री सम्मान के लिए लड़ेंगे, चिंतन बैठक में प्रदेश पदाधिकारियों की कार्यशैली पर उठाए सवाल
भारतीय जनता पार्टी के भीतर सबके सम्मान की रक्षा जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और पार्टी कार्यालय में अनुशासन के नाम पर हो रही मनमानी जैसे मुद्दे भी उठाए जाने लगे हैं।
लखनऊ, जेएनएन। भारतीय जनता पार्टी के भीतर सबके सम्मान की रक्षा, जमीनी कार्यकर्ताओं की उपेक्षा और पार्टी कार्यालय में अनुशासन के नाम पर हो रही मनमानी जैसे मुद्दे भी उठाए जाने लगे हैं। पार्टी के पूर्व संगठन मंत्रियों ने दो दिन चिंतन बैठक में संगठन के आंतरिक हालात पर चर्चा की और अव्यवस्थाओं का मसला राष्ट्रीय नेतृत्व तक पहुंचाने का निर्णय लिया गया।
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व संगठन मंत्रियों ने दो दिन चिंतन बैठक की समाप्ति के बाद जारी प्रेस विज्ञप्ति में प्रदेश पदाधिकारियों पर हिटलरशाही रवैया अपनाने, सरकार के खाली पदों पर मनोनयन न होने, कार्यालय में अनुशासन कार्यशैली दुकान जैसी होने के आरोप लगाए गए है। हालांकि पार्टी के किसी पदाधिकारी विशेष के नाम उजागर करने से बचते हुए कार्यकर्ताओं का आए दिन अपमान होने की बात कही गई है। विज्ञप्ति पर एक दर्जन से ज्यादा हस्ताक्षर भी हैं।
पूर्व संगठन मंत्रियों ने आरोप लगाया कि गत तीन वर्ष में कार्यकर्ताओं की हालत बद से बदतर होती जा रही है। पुराने कार्यकर्ताओं के अलावा सांसद व विधायक भी अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं। उनका कहना है कि भाजपा राजनीतिक संगठन है कोई कंपनी ही है। यदि अपमान और उपेक्षा का सिलसिला बंद नहीं हुआ तो कड़ा निर्णय लेना मजबूरी होगा। उन्होंने सवाल किया कि आखिर कार्यकर्ताओं की पीड़ा सुनने के लिए कोई दिन सुनिश्चित क्यों नहीं है?