पीएम आवास योजना के चयनित पात्रों में फर्जीवाड़ा, जाच में ढाई हजार लाभार्थी अपात्र
लेखपालों की जाच में अपात्र पाए गए ढाई हजार लाभार्थी। प्रमुख सचिव नगर विकास की जाच में भी सात में चार ही पात्र मिले।
लखनऊ[अजय श्रीवास्तव]। प्रधानमंत्री आवास योजना के चयनित लाभार्थियों पर ही सवाल खड़े हो गए हैं। लेखपालों की जाच में ढाई हजार लाभार्थी अपात्र पाए गए हैं। इतने बड़े पैमाने पर अपात्र लाभार्थी मिलने से हड़कंप मच गया है। लाभार्थी का चयन करने वाली निजी कंपनी भी जाच के घेरे में आ गई है, जिसे पात्र लाभार्थी का चयन करने के लिए 14 लाख का ठेका दिया गया था। सरकार ने नगर आयुक्त से फिर से लाभार्थियों की जाच कराने को कहा है। दो दिन पहले ही नगर आयुक्त ने चार सदस्यीय जाच टीम का गठन किया है, जिसे दो सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देनी है। कंपनी ने 3458 लाभार्थियों का चयन किया था। यह वह लोग थे, जिनके पास जमीन थी, लेकिन पैसे के अभाव में मकान नहीं बना पा रहे थे। इन लाभार्थियों को ढाई लाख की सब्सिडी मिलनी थी, जिन्हें पहले डेढ़ लाख और बाद की दो किश्तों में पचास-पचास हजार रुपए दिए जाने हैं। सरकार ने कंपनी की तरफ से चयनित लाभार्थियों की जाच तहसील के लेखपालों से कराई तो उन्होंने 3458 में से एक हजार लाभार्थियों को ही पात्र पाया। इतने बड़े पैमाने पर अपात्र सूत्री मिलने पर प्रमुख सचिव नगर विकास ने खुद ही मटियारी गाव जाकर वहा सात चयनित लाभार्थियों की जाच की तो उसमें चार ही पात्र पाए गए। मतलब तीन को मानकों के विपरीत सूची में शामिल कर लिया गया था।
जानकार बताते हैं कि कार्यदायी संस्था के लोगों ने मौके पर जाने के बजाय डूडा (जिला नगरीय विकास अभिकरण) कार्यालय में जमा फार्म को ही पात्र बता दिया था। कंपनी को 40 प्रतिशत का भुगतान भी कर दिया गया है। नगर आयुक्त डॉ. इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि लाभार्थियों के चयन में गड़बड़ी पाई गई है। नगर निगम के तहसीलदार और लेखपालों से जाच कराई जा रही है। अब यह टीम करेगी जाच :
- डूडा के संबंधित जोन के सहायक परियोजना अधिकारी
- तहसीलदार नगर निगम की तरफ से नामित कर्मचारी
- एचएफएपीओ के प्रतिनिधि
- पीएमसी संस्था के प्रतिनिधि इन्हें मिलेगा लाभ :
- अपनी जमीन है या फिर कच्चा मकान है
- बैंक से लोन लेकर बनाना चाहते हैं
- सरकारी जमीन पर बसी मलिन बस्ती के निवासी
- जमीन और मकान दोनों नहीं है
- सालाना आय 3.60 लाख तक होनी चाहिए
- लाभार्थी का अपने नाम से कोई मकान न हो क्या कहते हैं डूडा अधिकारी ?
डूडा(प्रधानमंत्री आवास योजना)कार्यक्रम अधिकारी अतुल चौहान का कहना है कि तहसील विभाग ने अपनी जमीन पर मकान बनवाने वाले लाभार्थियों के चयन पर सवाल खड़ा करते हुए अधिकाश को अपात्र बता दिया था। अब फिर से पात्र लाभार्थियों की जाच कराई जा रही है।