सावधान! बड़ी कंपनियों की भी बन रही फर्जी वेबसाइट, ऐसे बचे ठगी से Lucknow News
लखनऊ में साइबर जालसाजों ने अमेजन को ही लगाया करोड़ों का चूना। वास्तविक से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बना दे रहे झांसा।
लखनऊ, जेएनएन। दीपावली में खरीदारी न हो यह संभव नहीं है। लोग अब ऑफलाइन के साथ ही ऑनलाइन शॉपिंग कर रहे हैं। अगर आप भी ऑनलाइन खरीदारी की तैयारी में हैं तो सतर्क हो जाएं। ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन से करोड़ों की ठगी सामने आने के बाद साइबर अपराधियों की बड़ी कंपनियों में भी सेंधमारी की बात उजागर हुई है। ऐसे में ऑनलाइन खरीदारी करते समय सतर्क रहें।
ऐसे बिछाते हैं जाल
ठग किसी वास्तविक वेबसाइट से मिलती जुलती फर्जी वेबसाइट बनाकर लोगों को गुमराह कर रहे हैं। आपको जानकर हैरानी होगी कि अगर आप एटीएम कार्ड के जरिए किसी वेबसाइट से कोई लेनदेन करते हैं तो जालसाज आपका डाटा चोरी कर लेते हैं। कई बार यह सामने आया है कि कुछ निजी कंपनियों के कर्मचारी भी ग्राहकों का डाटा बेचने का काम भी कर रहे हैं। लोगों को की-लॉगर साफ्टवेयर का लिंक भेजा जाता है, जिसे डाउनलोड करने वाले व्यक्ति का नेट बैंकिंग पासवर्ड चोरी कर लिया जाता है। मालवेयर (साफ्टवेयर) के जरिए सर्वर हैक करते हैं।
बचाव के तरीके
साइबर विशेषज्ञ सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र के मुताबिक लोगों को ऐसे वेबसाइट का ही प्रयोग करना चाहिए जो एसएसएल सर्टिफाइड हों। यह ब्राउजर बॉक्स में लॉक साइन से दिखता है। एचटीटीपीएस प्रोटोकॉल वेबसाइट का इस्तेमाल कर ठगी से बचा जा सकता है। एंटी-वायरस साफ्टवेयर सिस्टम को सुरक्षित रखेगा। मोबाइल में आइडेंटिटी थेप्ट डिटेक्शन एप्स इंस्टाल कर सकते हैं, इससे फोन खोने की दशा में डाटा वापस पाया जा सकता है। डेबिट कार्ड से ई-कामर्स ट्रांजेक्शन न करें। सोशल साइट्स पर ऑनलाइन एकाउंट का इस्तेमाल करने के बाद फौरन लॉगआउट कर दें।
डिब्बे में भर देते हैं ईंट पत्थर
प्रमुख वेबसाइट से मिलती जुलती वेबसाइट बनाकर ठग लोगों से ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के जरिए रुपये प्राप्त कर लेते हैं। कूरियर कंपनी को डिब्बे में फोन या ऑर्डर किए गए सामान के स्थान पर ईंट पत्थर या कांच का टुकड़ा भर देते हैं। यह प्रक्रिया कैश ऑन डिलीवरी के दौरान भी होती है। ग्राहकों से रुपये लेने के बाद डिलीवरी मैन चला जाता है। इसके बाद डिब्बा खोलने पर लोगों को ठगी की जानकारी होती है।