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COVID-19 Attack on Lions: दुधवा, किशनपुर और कतर्नियाघाट बंद, वन व‍िभाग ने लगाए कई प्रत‍िबंध

संजय पाठक ने बताया कि जहां ग्रामवासियों को आवागमन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं होगा वहां निर्धारित समयावधि सुबह आठ से 10 बजे व शाम को चार से छह बजे के बीच अति आवश्यक कार्य होने पर जंगल से जाने की अनुमति मिलेगी।

By Anurag GuptaEdited By: Published: Fri, 07 May 2021 08:30 PM (IST)Updated: Sat, 08 May 2021 07:25 AM (IST)
COVID-19 Attack on Lions: दुधवा, किशनपुर और कतर्नियाघाट बंद, वन व‍िभाग ने लगाए कई प्रत‍िबंध
आवश्यक कार्यों के लिए ग्रामीणों को सुबह और शाम दो-दो घंटे की छूट।

लखीमपुर, जेएनएन। कोरोना को देखते हुए दुधवा पार्क, किशनपुर सेंचुरी और बहराइच के कतर्नियाघाट घाट वन्यजीव विहार में पर्यटन की समस्त गतिविधियां अग्रिम आदेशों तक रोक दी गई हैं। पर्यटन परिसर में किसी भी बाहरी व्यक्ति का आना-जाना प्रतिबंधित रहेगा। कैंटीन, प्रकृति व्याख्या केंद्र, पुस्तकालय आदि बंद रहेंगे। फील्ड डायरेक्टर संजय पाठक के मुताबिक, वन क्षेत्र में सम्बन्धित अधिकारियों, कर्मचारियों, वाचरों के अलावा किसी को घुसने की इजाजत मिलेगी। बाघों में कोविड -19 का संक्रमण म‍ि‍लने के बाद वन व‍िभाग ने सख्‍‍‍त कदम उठाए हैं। 

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संजय पाठक ने बताया कि जहां ग्रामवासियों को आवागमन के लिए कोई अन्य विकल्प नहीं होगा, वहां निर्धारित समयावधि सुबह आठ से 10 बजे व शाम को चार से छह बजे के बीच अति आवश्यक कार्य होने पर जंगल से जाने की अनुमति मिलेगी। एफडी ने निर्देश दिया है कि किशनपुर वन्यजीव विहार में वन मार्गों का प्रयोग कर ग्रामों में जाने वाले ग्रामीणों को इस संबंध में अवगत करा दिया जाए। किसी भी परिस्थिति में कोई भी ग्रामीण या पालतू पशु वन क्षेत्र में न प्रवेश करने पाएं। बाघों में मानव से कोविड -19 संक्रमण के प्रसार के मामले मिले हैं । ऐसे में नियमित गश्त के लिए जा रहे गश्ती दल के सदस्य वन क्षेत्र में जहां-तहां न थूकें।

अस्वस्थता की स्थिति में वन क्षेत्र में जाने से बचें। वन्य जीवों में सुस्ती, खाना-पीना छोड़ने, खांसी, नाक से छींकना, खांसना, घरघराने की आवाज आंखों से पानी आना आदि लक्षण मिलने पर तत्काल वन्य प्राणी की तस्वीर लेते हुए स्थल का जीपीएस रीडिंग नोट कर उच्च स्तर को अवगत कराया जाए। महत्वपूर्ण स्थलों पर कैमरा ट्रैप भी विडियो मोड में लगाया जाए और उनकी नियमित निगरानी के निर्देश दिए गए हैं। वाचर अपरिहार्य परिस्थितियों में ही चौकी छोड़कर अपने घर जाए। समय-समय पर संक्रमण की जांच भी चिकित्सा विभाग के सहयोग से कराया जाता रहे। सभी कर्मियों (नियमित व नियत पारिश्रमिक पर कार्यरत ) व उनके परिवारजनों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण कराया जाए। हाथीखानों की सैनिटाइजेशन का कार्य भी नियमित रूप से कराने के निर्देश दिए गए हैं। 

गौरतलब है क‍ि हैदराबाद के प्राणि उद्यान के बाड़े में बंद आठ शेरों में कोरोना वायरस से संक्रमण मिलने के बाद अब इटावा जंगल सफारी का भी एक शेर कोरोना संक्रमित है जबकि एक अन्य अभी संदिग्ध है। बरेली के आइवीआरआइ में इनका आरटी-पीसीआर टेस्ट हुआ था। जिसमें 12 की रिपोर्ट तो निगेटिव है] जबकि एक की पॉजिटिव है। इसके साथ ही एक की जांच रिपोर्ट अभी संदिग्ध है। यहां पर रहने वाले 14 शेरों का टेस्ट करवाया गया था। हैदरादाबाद में आठ शेरों के संक्रमित मिलने के बाद इटावा लायन सफारी से बरेली जांच के लिए सैपल भेजे गए थे।


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