सर्दियों में रखें नवजातों का खास ख्याल, ध्यान रखें ये चार बातें
ठंड में बच्चों को कोल्ड डायरिया और निमोनिया की होती है दिक्कत।
लखनऊ, जेएनएन। सर्दियों में बच्चों को ज्यादा देखभाल की जरूरत होती है। जरा भी लापरवाही करने पर उन्हें ठंड लग सकती है, साथ ही कोल्ड डायरिया और निमोनिया भी खतरा रहता है, इसलिए जरूरी है कि नवजातों को ठंड से बचाया जाए और बीमार पड़ने पर खास देखभाल की जाए। बलरामपुर अस्पताल के वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञ डॉ.बृजेश कुमार से खास बातचीत।
सर्दियों के दिनों में बच्चों को गर्म कपड़े पहनाकर रखना चाहिए। सबसे ज्यादा संवेदनशील बच्चों का सिर होता है इसलिए उन्हें टोपी पहनाकर रखना चाहिए। जहां तक संभव हो मां नवजात को अपनी गोद में रखे इससे वो गर्म रहते हैं और हाइपोथर्मिया से बचे रहते हैं। अगर बच्चे प्रीमेच्योर हो तो उन्हें कंगारू मदर केयर देना चाहिए। इससे बच्चे हाइपोथर्मिया से बचते हैं और मां के साथ अच्छी बाउंडिंग होती है।
गुनगुने पानी से करें स्पंजिंग
बच्चों को रोजाना नहलाएं लेकिन रूम का तापमान नॉर्मल कर लेना चाहिए। कमरा भी बंद होना चाहिए जिससे उसे हवा न लगे। ज्यादा जरूरत हो तो गुनगुने पानी से नहलाया या स्पंजिंग की जा सकती है। नहाने के बाद मॉइश्चराइजर लगाना चाहिए या गुनगुने तेल से हल्की मालिश करनी चाहिए। बच्चों को ज्यादा देर बिना कपड़ों के नहीं रखना चाहिए।
डायरिया होने पर दें ओआरएस
कोल्ड डायरिया बच्चों के लिए घातक साबित हो सकता है, इसलिए डायरिया होने पर भी नवजात की ब्रेस्ट फीडिंग बंद नहीं करनी चाहिए। ओरआरएस का घोल भी गुनगुने पानी में दिया जा सकता है। बच्चा एक साल से ऊपर का है और उसे लगातार खांसी आ रही है तो उसे वेज सूप भी दिया जा सकता है।
दूध पिलाने के बाद सीधे न लिटाएं
नवजात को दूध सिर ऊंचा करके पिलाना चाहिए। दूध पिलाने के बाद उसकी पीठ थोड़ी थपकाकर करवट लिटाना चाहिए या गोद में लिए रहना चाहिए। गंदी बोतल में दूध देने से भी बच्चों को इंफेक्शन हो जाता है जिससे डायरिया होने लगता है। इसलिए जहां तक संभव हो नवजात को केवल ब्रेस्ट फीडिंग करवानी चाहिए। बड़े बच्चों को कटोरी और चम्मच से दूध पिलाना चाहिए। अगर बोतल का इस्तेमाल कर भी रहे हैं तो हर बार उबालने के बाद भी दूध देना चाहिए। बचे हुए दूध का दोबारा इस्तेमाल नहीं करना चाहिए इसे फेंक देना चाहिए।